उत्तेजित लड़की अपनी यौन उत्तेजना नाखुनों के खरोंच और गहरे दबाव से दर्शाती है| जब उफान पर होता है और स्त्री-पुरुष चर्मोत्कर्ष की ओर बढ़ रहे होते हैं तो उनका एक-दूसरे में समा जाने का भाव बढ़ता चला जाता है। नाखुन एक-दूसरे के शरीर में धंसते चले जाते हैं। बाद में दोनों जब अपने इस निशान को देखते हैं तो उनके अंदर फिर से काम वासना भड़क उठती है।
उत्तेजित होने का कारण और प्रतिक्रिया
किसी स्त्री के भीतरी यौनांग को गर्भाशय से जोड़ने वाला रास्ता योनि (vagina) कहलाता है। यौन रूप से उत्तेजित होते ही किसी लड़की या महिला की योनी में गीलापन आ जाता हैा यही नहीं, उत्तेजित होते ही योनि को लिंग के आकार के अनुरुप होने में मदद मिलती है। जिससे योनि आसानी से फैल या सिकुड़ सकती है। संभोग के समय योनि का यही लचीला और गीलापन स्त्री को यौन सुख का अहसास कराता है और उसे दर्द से बचाता है। योनि (वेजाइना) मांसपेशी से बनी होती है, जिसके चारों ओर श्लेषमा की परत होती है।
श्लेष्मा की परत होने के कारण इसमें नमी पैदा होता हैा यह नमी संभोग के दौरान चिकनाई का काम करती है, जिससे संभोग अधिक आनंददायक और आरामदायक बन जाता है। इस गीलेपन के कारण महिला हल्के-फुल्के संक्रमण से भी बच जाती है।
संभोग के लिए जब स्त्री की इच्छा नहीं होती है तो vagina गीली नहीं होती है। इस कारण वह अंदर से रूखा ही रहता है। रूखेपन की वजह से पुरुष लिंग के प्रवेश के समय स्त्री को दर्द का अहसास होता है।
विशेषज्ञ ऐसी स्थिति में योनि में पेट्रोलियम जेली, बेली ऑयल आदि तरल पदार्थ लगाकर संभोग की सलाह देते हैं। इससे योनि के अंदर कृत्रिम गीलापन बन जाता है।संभोग के समय योनि से ही पुरुष लिंग प्रवेश करता है, पीरियड के समय योनि से ही रक्तस्राव होता है और प्रसव के दौरान बच्चे भी यहीं से बाहर निकलता है।
पेशाब करते समय स्त्रियां अपनी मांसपेशियों को सिकोड़ने और छोड़ने का उपक्रम कर सकती हैं। यह वही मांसपेशियां हैं, जो योनि को कसती हैं। ऐसा करने पर लड़कियों को पेशाब की मात्रा एवं गति पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
इससे आगे चलकर शादी होने के उपरांत पति के साथ संभोग के समय यौन सुख हासिल करने में उसे मदद करेगी। इसका उपयोग कर वह पुरुष लिंग पर दबाव बना और छोड़ सकती हैं, जिससे उनके यौन सुख में वृद्धि होती है।