लखनऊ। बहुचर्चित फिल्म पद्मावत को लेकर उत्तर प्रदेश के जिलों में बढ़ते विरोध-प्रदर्शन को देखते सभी फिल्म की रिलीज पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। लखनऊ, इलाहाबाद, इटावा व कानपुर में अब तक फिल्म के विरोध में उग्र प्रदर्शन व तोडफ़ोड़ की घटनाओं में पुलिस 26 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एडीजी कानून-व्यवस्था आनन्द कुमार का कहना है कि शांति-व्यवस्था भंग करने वालों से पुलिस पूरी सख्ती से निपटेगी। हालांकि सुरक्षा व्यव्साथ के अभाव में बुधवार को आगरा में होने वाला पद्मावत का प्रीमियर शो स्थगित कर दिया गया। एडीजी कानून-व्यवस्था की ओर से 22 जनवरी को पद्मावत फिल्म की रिलीज से पूर्व ही सुरक्षा-व्यवस्था के लिहाज से कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए थे।
इसके तहत सिनेमाघरों व मल्टीप्लेक्स के प्रबंधकों से सुरक्षा संबंधी बैठक करने से लेकर अधिकारियों व थानेदारों को भ्रमणशील रहने के निर्देश दिए गए थे। एडीजी ने बताया कि एलआइयू के जरिए भी शरारती तत्वों पर नजर रखने व उनके खिलाफ समय रहते प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
किसी भी आकस्मिक घटना से निपटने के लिए पूर्व से ही कार्ययोजना बनाने की बात भी कही गई है। ताकि आपात स्थिति में पुलिस उसका सामना कर सके। आइजी लोक शिकायत विजय सिंह मीना ने बताया कि उग्र प्रदर्शन कारियों से पूरी सख्ती से निपटने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक फिल्म के विरोध में उपद्रव व तोडफ़ोड़ के मामलों में इलाहाबाद में सात, इटावा में 11, कानपुर में चार व लखनऊ में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
फिल्म पद्मावत को लेकर उत्तर प्रदेश में जिले-जिले विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इसके चलते आगरा में आज प्रीमियर शो स्थगित करना पड़ा। हालाकि फिल्म के प्रदर्शन को लेकर पुलिस-प्रशासन पहले से ही सतर्क रहा है लेकिन फिल्म के विरोध में जाम, पुतला दहन, जुलूस, आत्मदाह की धमकी, धरना और ज्ञापन जैसे तमाम तरीके अपनाए जाते रहे। आगरा में आज फिल्म का दिखाया जाना था। आगरा में पद्मावत के प्रीमियर शो शुरू होते ही राजपूत और क्षत्रिय संगठनों ने विरोध किया। भारी विरोध के चलते शो स्थगित करना पड़ा। हालांकि सिने मालिकों ने बताया कि सुरक्षा के लिए फोर्स नहीं मिली।