दिल्ली और हरियाणा के बीच आवागमन को सुगम बनाने के लिए इंद्रलोक से बवाना तक सड़क बनेगी। बवाना में यह सड़क हरियाणा बॉर्डर तक जाएगी। इस सड़क के बन जाने से दिल्ली से हरियाणा जाना व आना और भी आसान हो जाएगा। करीब 20 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि हरियाणा की तरफ से एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) मिलने पर परियोजना को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। हरियाणा के मुनक से दिल्ली के बवाना इलाके में प्रवेश करती हुई नहर इंद्रलोक तक आती है।
दिल्ली क्षेत्र में इस नहर को बवाना नहर के नाम से जानते हैं। नहर का पानी जल बोर्ड के हैदरपुर प्लांट तक आता है। हैदरपुर से इंद्रलोक के बीच नहर में पानी नहीं है। यह नहर दिल्ली में जरूर है मगर इसका मालिकाना हक हरियाणा सरकार के पास है। नहर के दोनों ओर संकरा रास्ता है जो खस्ता हालत में है।
इस परियोजना पर एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में 4 अगस्त 2016 को प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें बोर्ड ने इस परियोजना के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए कहा था। 11 अगस्त 2016 को दिल्ली के लोक निर्माण विभाग ने नहर के किनारे सड़क बनाने के लिए हरियाणा सरकार से एनओसी मांगी थी।
जिस पर 21 मार्च 2017 को दिल्ली सरकार को हरियाणा एस्टेट, रोड एंड ब्रिज कारपोरेशन लिमिटेड के उप महाप्रबंधक की ओर से पत्र मिला था। जिसमें कहा गया था कि दिल्ली सरकार पैसा दे दे, सड़क हरियाणा सरकार बना देगी। मगर दिल्ली सरकार का कहना है कि परियोजना दिल्ली क्षेत्र में है और दिल्ली को ही इससे अधिक लाभ मिलना है। ऐसे में दिल्ली अपनी जरूरत के हिसाब से इस सड़क को बनाएगी।