इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेऊ संस्कार आदि कराने का विशेष महत्व है..

हिंदू धर्म में हर शुभ काम के शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। लेकिन हिंदू पंचांग में कुछ ऐसे दिन बताए गए हैं जिस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है भड़ली नवमी। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई, जनेऊ संस्कार आदि कराने का विशेष महत्व है। इस वर्ष भड़ली नवमी 27 जून 2023, मंगलवार को है।

क्या है पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भड़ली नवमी के दिन भगवान विष्णु निंद्रा अवस्था में चले जाते हैं। इसके बाद देवउठानी एकादशी तक शादी-विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं माना जाता, क्योंकि देवों के निंद्रा में चले जाने के कारण उनका आशीर्वाद नहीं मिलता। जिससे वैवाहिक जीवन में अड़चने आ सकती हैं। यह त्योहार भगवान विष्णु से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है।

क्यों कहा जाता है अबूझ मुहूर्त

यह दिन शादी-विवाह आदि के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। क्योंकि इस दिन बिना तिथि या शुभ मुहूर्त देखे मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस तिथि के बाद चातुर्मास लग जाने की वजह से अगले 5 महीने तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाता। इसलिए जिन लोगों के विवाह के लिए शुभ मुहूर्त मिलने में परेशानी होती है वह भी दिन विवाह कर सकते हैं। ऐसा करने से उनके शादीशुदा जीवन में कोई व्यवधान नहीं पड़ता। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com