
मरे हुए लोग कहां हैं? मरने पर हमारा क्या होता है? हम क्यों मरते हैं? मृत्यु के बारे में जान लेने पर राहत मिलेगी या चैन? अमूमन यह सवाल मृत्यु के बारे में हमारे मन में उठते हैं।
मृत्यु के बाद क्या होता है। इस प्रश्न के उत्तर अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग तरीके से दी गई है।
ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक ओल्ड टेस्टामेंट के अनुसार…
-प्रभु यीशु के बलिदान ने कैसे हमारे लिए हमेशा की जिंदगी का रास्ता खोल दिया है। सुलैमान जैसे बुद्धिमान राजा ने ठीक कहा था, जो जीवित हैं, ‘ वे जानते हैं कि उन्हें एक दिन मरना ही होगा।’ (सभोपदेशक 9:5, नई हिन्दी बाइबिल)
– बाइबल सिखाती है कि जब एक इंसान मर जाता है तो उसका वजूद पूरी तरह मिट जाता है। मौत, ज़िंदगी के बिलकुल उलट है। मरे हुए न कुछ देख सकते हैं, न सुन सकते, ना ही सोच सकते हैं, क्योंकि उनकी चेतना नष्ट हो चुकी है। हमारे अंदर साए जैसी कोई चीज़ नहीं होती जो हमारी मौत के बाद भी ज़िंदा रहती हो। जी हां, हमारे अंदर कोई अमर आत्मा नहीं होती।
– यहोवा हमारे शरीर और दिमाग दोनों का बनाने वाला है और वही यह सच्चाई जानता है कि मरने पर असल में क्या होता है। उसके लिए यह बात कोई राज़ नहीं है। और उसने यह सच्चाई अपने वचन बाइबल में साफ-साफ बतायी है।
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