मिर्ज़ा ग़ालिब को उर्दू और फारसी जुबान का सबसे बड़ा शायर होने का खिताब हासिल है. मिर्ज़ा का जीवन और उनकी शायरी देश ही नहीं, दुनिया की एक बड़ी आबादी को बेफिक्री और मोहब्बत देती है. ग़ालिब का पूरा नाम मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां था और उनका जन्म उत्तर प्रदेश की ताजनगरी आगरा में हुआ था. आगरा में कुछ वक्त बिताने के बाद वो पुरानी दिल्ली की गली कासिम जान में स्थित एक छोटे से मकान में आ गए थे. गालिब के जीवन के आखिरी साल इसी मकान में बीते.
27 दिसंबर, 1796 को मिर्ज़ा का जन्म हुआ और 15 फरवरी, 1869 को उन्होंने इस दुनिया को खुदा हाफिज बोल दिया. पुरानी दिल्ली के जिस मकान में ग़ालिब रहे उसे ग़ालिब की हवेली और ग़ालिब एकेडमी के नाम से जाना जाता है.
इस हवेली का 360 डिग्री वीडियो तैयार किया है. आप इस वीडियो के जरिए, जहां हैं वहीं बैठे-बैठे पुरानी दिल्ली की गली कासिम जान में स्थित ग़ालिब की हवेली में दाखिल हो सकते हैं. 360 डिग्री वीडियो की सबसे बड़ी खासियत ही यही है कि जब दर्शक इस वीडियो को देखते हैं तो खुद को उस वीडियो का हिस्सा समझते हैं. अगर आप इस वीडियो को VR हेडसेट की मदद से देखें तो ये अनुभव और भी लाजवाब हो जाता है. 360 डिग्री वीडियो में खास और ऐतिहासिक जगहें आपके लिए लाता रहेगा.
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