अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने सजा सुनाई। सोनीपत शहर में वर्ष 1996 में हुए सिलसिलेवार दो बम धमाकों के मामले में सोनीपत अदालत ने आतंकी टुंडा को सोमवार को 307 (हत्या का प्रयास), 120बी (षड्यंत्र रचना) व 3, 4 एक्सपलोजिव एक्ट (बम ब्लास्ट करना) के तहत दोषी करार दिया था।सज्जन सिंह ने बताया था कि वह अपने साथी अनिल व विकास के साथ फिल्म देखने आया था। इस दौरान हुए धमाके में वह और 11 अन्य लोग घायल हुए थे। बाद में पुलिस ने इस संबंध में तीन आरोपियों उस समय गाजियाबाद व वर्तमान में जिला हापुड़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा व उसके दो साथियों हापुड़ जिले के पिलखुआ निवासी शकील अहमद और दिल्ली के तेलीवाड़ा में अनार वाली गली निवासी मोहम्मद आमिर खान उर्फ कामरान को नामजद किया था।
पुलिस ने शकील और कामरान को वर्ष 1998 में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन टुंडा घटना के बाद फरार हो गया था। शकील व कामरान को अदालत ने वर्ष 2002 में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद में अब्दुल करीम टुंडा को दिल्ली पुलिस ने अगस्त 2013 में नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया था। सोनीपत में चल रहे मामले में सभी 43 गवाही हुई और बहस कराई गई।
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