
रोहित शर्मा ने मैच के बाद कहा, ‘हम सात बल्लेबाजों के साथ खेल रहे थे और वाशिंगटन सुंदरभी अच्छे बल्लेबाज हैं। इसलिए हम अपने आप को प्रोत्साहित करते हुए मैच खेल रहे थे। हमने दौरे की शुरुआत में ही बात की थी कि छह बल्लेबाज और एक ऑलराउंडर के साथ मैदान संभालेंगे। जिस तरह हमने वन-डे और टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेली, उससे मैं बहुत खुश हूं। मेरे ख्याल से हम टीम प्रयास के बलबूते जीत सके।’
‘हिटमैन’ रोहित ने साथ ही कहा, ‘कुछ खिलाड़ियों को पहला या दूसरा मौका मिला, लेकिन ऐसा महसूस नहीं हुआ कि यह उनका पहला या दूसरा मैच है। टीम प्रबंधन के रूप में हमारा काम युवाओं को सपोर्ट देना है। अब हमारा पूरा ध्यान दक्षिण अफ्रीका दौरे पर है।’
दक्षिण अफ्रीका दौरे के बारे में बात करते हुए 30 वर्षीय रोहित ने कहा, ‘वहां कड़ी चुनौती होगी। मगर हम अपने घरेलू सीजन की याद दिलाना चाहेंगे- किसी को हराना आसान नहीं। हमे कई बार कड़ी चुनौती मिली, लेकिन हमने हर बार दमदार वापसी की।’
श्रीलंकाई कप्तान थिसारा परेरा ने कहा, ‘कप्तान के रूप में मुझे अपनी गेंदबाजी इकाई पर गर्व है, जिन्होंने छोटे लक्ष्य का इस तरह बचाव करने की कोशिश की। मुझे अपनी टीम पर गर्व है। हमारे पास हमेशा से अच्छे फील्डिंग कोच रहे और यही वजह है कि हमारी फील्डिंग अच्छी रही। हमने इस दौरे पर कई चीजें सीखी। हम सभी को पता है कि टीम इंडिया बहुत ही दमदार है। हमने कई चीजें सीखी और अपना प्रदर्शन सुधारने पर ध्यान लगाएंगे। हमारी बल्लेबाजी को अच्छा करने की जरुरत है और मुझे लगता है कि हम काफी आगे आ चुके हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘केएल राहुल बहुत ही अच्छे खिलाड़ी हैं। हमारे लिए सबसे बड़ा सिरदर्द वो ही हैं। पिछले 18 महीनों में सबसे ज्यादा सुधार उन्हीं के प्रदर्शन में आया। यह टीम बेहतरीन है, जो विश्व की किसी भी दिग्गज टीम को कड़ी टक्कर दे सकती है।’
मनीष पांडे ने कहा, ‘यह देखना अच्छा लगा कि एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक ने स्टाइल से मैच का अंत किया। मेरे ख्याल से हमने अच्छी बल्लेबाजी की जबकि विकेट से इतनी मदद नहीं मिल रही थी। वैसे हम जल्दी जीत सकते थे।’
दिनेश कार्तिक ने कहा, ‘थोड़ा दबाव में था। मेरे ख्याल से धोनी का क्रीज पर रहना जरूरी था ताकि मैच करीब ले जा सकें। मेरे ख्याल से अंतिम ओवर में 12 रन का पीछा कर सकते थे, लेकिन मुझे शॉट जमाने के लिए आसान गेंद मिली। टेस्ट मैच के पहले दिन के हिसाब से ये पिच बेहतरीन थी क्योंकि उछाल और स्विंग मौजूद थी। ऐसी पिचों पर 150 रन विजयी स्कोर साबित होता। मुझे ऐसी पिचों पर खेलना पसंद है। मेरे ख्याल से धर्मशाला वन-डे को छोड़कर शेष सभी मैचों में हमारा दबदबा था।’
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