हमारे जीवन में हम लोग कुछ काम अपनी पसंद से करते हैं तो कुछ काम दर्द से बचने के लिए करते हैं। वैसे ही हर व्यक्ति को एक कॉमन आदत होती है, अंगुली चटकाने की। यह आदत हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल तो हैं लेकिन इस बात से हम लोग अंजान हैं कि आगे चलकर यह आदत हमारे लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं। दरअसल, कुछ लोग बोरियत से बचने के लिए अंगुली चटकाते हैं तो कुछ लोग अँगुलियों के जोड़ों में हो रहे दर्द से राहत पाने के लिए ऐसा करते हैं किन्तु आपको जानकर हैरानी होगी कि अंगुली चटकाने का असर आपकी सेहत पर भी पड़ता हैं। जानिए आज आपका अंगुली चटकाना, आपके कल को कैसे मुसीबत में डाल सकता हैं?
जानिए अंगुली चटकाने पर क्यों आती हैं? आवाज़…..
विज्ञान के अनुसार हमारी अँगुलियों या हड्डियों में एक विशेष प्रकार का लिक्विड पाया जाता हैं जिसे श्लेष द्रव्य कहते हैं। इस लिक्विड में मौजूद गैस हमारी हड्डियों के बीच बुलबुले बनाती हैं और साथ ही हमारी हड्डियों को खुरदुरा होने या रगड़ लगने से बचाती हैं। आपको बता दें जब कभी कम अंगुली चटकाते हैं उस वक़्त यह बुलबुले फूट जाते हैं और दोबारा इन्हें बनने में कम से कम 15 से 20 मिनट लगते हैं। जोड़ों के बीच लगे इस लिक्विड को ग्रीस भी कहा जाता हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार यह लिक्विड(ग्रीस) हमारी हड्डियों को आसानी से मुड़ने में मदद करता हैं। यदि यह लिक्विड हमारे शरीर में कम हो जाता हैं तब हड्डियाँ आपस में रगड़ खाने लगेगी जिससे जोड़ों में दर्द भी होने लगेगा। आपको बता दें यदि यह लिक्विड हमारे शरीर से पूर्णत: ख़त्म हो जाता हैं तो हमे गाठिया जैसी बीमारी भी हो सकती हैं।
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बुरी हैं ये आदत
वैसे अंगुलियाँ चटकाने से लिक्विड का कम होना,जोड़ो में दर्द होना या फिर कमजोरी आने जैसी कोई परेशानी नही होती हैं लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि,यह हमारी हड्डियों के लिए ठीक नहीं हैं। यह आदत हड्डियों के बीच गैप भी पैदा कर सकती हैं। यदि यह आदत आपको अपना शिकार बना चुकी हैं तो आज ही इस आदत को छोड़ दें नहीं तो जोड़ों में दर्द के साथ-साथ यह हमारी काम करने की क्षमता को भी कम करती हैं।