नई दिल्ली – इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद को दुनिया की सबसे खूंखार खुफिया एजेंसियों में से एक माना गया है। मोसाद की स्थापना 1949 की गई थी। इस एजेंसी ने दुनिया भर में एक से एक खतरनाक ऑपरेशन किया है। मोसाद के एजेंटों के बारे में कहा जाता है कि वो अपने दुश्मन को दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकाल लेते हैं। इस एजेंसी में लगभग 1200 लोग काम करते हैं, जिनमें कुछ बेहद खूबसूरत लेकिन खतरनाक हसीनाएं भी हैं। यही वजह है कि इजराइल की इस खुफिया एजेंसी को दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसी माना जाता है।
आपको बता दें कि मोसाद की पहुंच दुनिया के हर उस कोने तक है जहां इजराइल या उसके नागरिकों के खिलाफ कोई भी साजिश रची जा रही हो। मोसाद का मुख्यालय इजराइल के तेल अवीब शहर में है। मोसाद का पूरा नाम इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलीजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशन इजरायल है, जिसका गठन 13 दिसंबर 1949 को किया गया था। इस एजेंसी का मुख्य काम आतंकवाद को खत्म करना, देश की सुरक्षा के लिए खुफिया जानकारी एकत्रित करना और फायदे के लिए राजनीतिक हत्याएं करना या कराना है।
रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 1200 ऐजेटों वाली इस एजेंसी में 40 प्रतिशत महिलाएं है। ये महिलाएं न सिर्फ बेहद खूबसूरत होती हैं, बल्कि बेहद खतरनाक भी होती है। इसके इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है कि वो किसी भी दुश्मन से राज उगलवा सकती हैं। अगर कोई उनकी बात न माने तो वो इसके लिए अपनी खूबसूरती यानि हुस्न का इस्तेमाल भी करती हैं। मोसाद में काम करने वाली एक महिला जासूस के मुताबिक, ‘हम अपने औरत होने और खूबसूरत होने का इस्तेमाल करते हैं। कभी-कभी हमें अपना काम पूरा करने के लिए यौन संबंध भी बनाने पड़ते हैं।’ आपको बता दें कि फिलिस्तीनी ग्रुप हमास के मिलिट्री विंग के फाउंडर महमूद अल मबूह की हत्या में भी मोसाद की किसी महिला जासूस का नाम सामने आया था।
गौरतलब है कि 19 जनवरी 2010 को दुबई के होटल अल बुस्तान रोताना में अल मबूह का मर्डर किया गया था। इसपर एक हॉलीवुड फिल्म भी बन चुकी है। मोसाद की हसीनाएं अपनी मादक अदाओं से दुश्मनों से हर राज उगलवाती हैं। मोसाद में महिलाओं को रखने की शुरुआत एक परमाणु वैज्ञानिक को इजरायल लाने के लिए किया गया था। साल 2013 में हॉलीवुड में किंडोन नाम की एक फिल्म बनी थी, जिसमें अपने हुस्न के जाल में फंसाकर एक मोसाद एजेंट ने एक बड़े आतंकी का कत्ल किया था।