PM मोदी की की दी गयी शिक्षा पर अमल करने में नाकाम रहे गृह मंत्रालय के ये तीनो मंत्री, इसीलिए…!

क़ायदे तोड़ने के लिए ही बनाए जाते हैं, कम से कम गृह मंत्रालय के तीन ताक़तवर नेता राजनाथ सिंह, हंसराज अहीर और किरेन रिजीज़ू तो यही मानते हैं. ये भी कहना ग़लत नहीं होगा कि प्रधानमंत्री की बात पर अमल करने के लिहाज से ये डिफ़ॉल्टर हैं. गृह मंत्रालय ने जो आचार संहिता तैयार की वो कहती है कि सभी मंत्रियों को अपनी आय और संपत्तियों के ब्‍योरे 31  अगस्त तक प्रधानमंत्री कार्यालय में जमा करना लाज़मी है. पर क़ानून बनाने वाले ही क़ानून तोड़ने में विश्वास रखते हैं. हालांकि जब एनडीटीवी ने इन मंत्रियों के दफ़्तर में सम्पर्क किया तो राजनाथ सिंह के दफ़्तर ने कहा कि वे सभी दस्तावेज़ तैयार कर रहे हैं और जल्द ही प्रधानमंत्री की इच्छा के मुताबिक ब्योरे फाइल कर देंगे. हंसराज अहीर के दफ़्तर ने कहा कि जिस आदमी को सारे ब्योरे जुटा कर फाइल करना था, उसकी मौत हो चुकी है और उनकी चंद्रपुर सीट से सारे ब्योरे इकट्ठा किए जा रहे हैं और जल्द ही आय और संपत्ति की जानकारी पीएमओ को दी जाएगी. किरेन रिजीजू के दफ़्तर ने कहा कि दिसंबर 2016 में वो आख़िरी ब्योरा दे चुके हैं. इस साल भी वो सारे ब्याज जोड़ने के बाद जल्दी से जल्दी फाइल कर देंगे.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा लागू की गई आचार संहिता के मुताबिक़ मंत्रियों को अपने परिवार के सभी सदस्यों के संपत्ति के ब्योरे देने होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद अपना ब्योरा ऑनलाइन किया हुआ है. ब्योरे के मुताबिक़ प्रधानमंत्री की कुल संपत्ति दो करोड़ से कुछ ज़्यादा की है.

वैसे ग़ौर करने वाली बात है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी संपत्ति की सभी जनकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये पहल मंत्रियों की जनता के प्रति जवाबदेही लाने के लिए की थी. सभी मंत्रियों को अपने ब्योरे प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने होते हैं फिर PMO उन्हें ऑनलाइन अपलोड कर देता है. प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक़ 80 फ़ीसदी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी इस साल साझा नहीं की है. ये बात कुछ हैरान कर सकती है कि 92 मंत्रियों में से सिर्फ 15 ने अपनी आय और संपत्ति घोषित की है.

जानकारी के मुताबिक़ 31 कैबिनेट मंत्रियों में सिर्फ 11 ने अपनी आय घोषित की है. इनमें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, उपभोक्‍ता मामले विभाग के मंत्री रामविलास पासवान, नागरिक उड्डयन मंत्री गजपति राजू, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जैसे कुछ नाम हैं. जबकि जिन मंत्रियों ने अपने ब्योरे नहीं दिए हैं उनमें व्यापार मंत्री सुरेश प्रभु, जल संसाधन मंत्री उमा भारती, महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी, क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी शामिल हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक़ 16 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों में बस एक ने अपना ब्योरा दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय का प्रभार संभालने वाले जितेंद्र सिंह अकेले इस फ़ेहरिस्त में हैं. 45 राज्य मंत्रियों में बस 3 ने अपनी संपत्ति और आय के ब्योरे दिए हैं जिनमें वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्‍णन, विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल. इन सभी मंत्रियों के नाम प्रधानमंत्री कार्यालय की साइट पर हैं और ये साइट आख़िरी बार 14 सितम्बर को अपडेट हुई थी.

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