प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में फेरबदल को लेकर अब तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है. सूत्रों के मुताबिक निर्मला सीतारमण को मंत्रिमंडल से हटाने की बात बेबुनियाद है. वह मंत्रिमंडल में बनी रहेंगी. वहीं जिन दो लोगों से विभाग छीने जा सकते हैं, उनमें राधा मोहन सिंह और जेपी नड्डा शामिल हैं. इसके अलावा नितिन गडकरी को रेल मंत्री नहीं बनाया जाएगा क्योंकि पीएम मोदी गडकरी के काम से बेदद खुश हैं. सूत्रों का यह भी कहना है कि उमा भारती को मंत्रिमंडल से निकाला नहीं जाएगा बस उनका मंत्रालय बदल दिया जाएगा. वहीं बात करें सहयोगी दलों की तो जेडीयू का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, लेकिन पार्टी से किसे मंत्री बनाया जाएगा यह अभी तय नहीं हो पाया है दूसरी ओर शिवसेना और टीडीपी को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं हो पाई है. वहीं असम से हेमंत बिश्वा को भी केंद्र में लाने की कोई तैयारी नहीं है. जबकि एआईडीएमके से भी किसी को मंत्री नहीं बनाया जाएगा. दूसरी ओर किसी मंत्री को भ्रष्टाचार की वजह से हटाए जाने की बात भी अफवाह साबित हो रही है.
बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मथुरा में देर रात संघ के नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया है जिसमें नए मंत्रियों के नामों को अंतिम रूप दे दिया गया है. जिन लोगों को मंत्री बनाया जाना है उनको थोड़ी देर बाद फोन पहुंचना शुरू हो जाएगा. आज शाम तक सभी को दिल्ली पहुंचने का निर्देश दे दिया जाएगा.
एनडीटीवी से बातचीत में मोदी सरकार में कौशल विकास मंत्री रहे राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ” ये पार्टी का निर्णय होता है और ये पार्टी ने ही तय किया है. पार्टी ने जब ये तय किया है तो पार्टी के सिपाही के तौर पर हम ये निर्णय ले लेते हैं. आज के दिन मेरे पास इससे ज़्यादा बोलने के लिए कुछ नहीं है”. पार्टी की वरिष्ठ और दिग्गज नेता उमा भारती को कहना पड़ा कि वो नाराज़ नहीं हैं, कोई बयान नहीं देंगी, अगर कुछ पूछना है तो अमित शाह या उनके नुमाइंदों या शिवराज सिंह चौहान से पूछा जाए.
उमा भारती को स्वास्थ्य कारणों से हटना आधिकारिक कारण बताया गया है. इसके अलावा नमामि गंगे की प्रगति संतोषजनक न होना भी एक कारण है. उन्हें बुंदेलखंड में पार्टी संगठन को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी मिल सकती है. कलराज मिश्र 75 वर्ष से अधिक उम्र के हो गए हैं. मंत्रालय में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं है. नोटबंदी के बाद लघु और मंझोले उद्योगों को समस्या हुई थी. संजीव बालियान की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं. संजीव बालियान की कार्यशैली संतोषजनक नहीं है. मंत्रालय का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा. संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी मिल सकती है.
फग्गन सिंह कुलस्ते के लिए दूसरी जिम्मेदारी देने की बात कही जा रही है. मप्र चुनावों के मद्देनज़र मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी मिल सकती है. यही सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है. महेंद्र नाथ पांडे को यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया है. एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत इन्हें हटाया जा रहा है.
राजीव प्रताप रूडी के काम पर सवाल उठा है. राजीव प्रताप रूडी मंत्रालय का काम संतोषजनक नहीं है. नए मंत्रालय में अधिक उपलब्धि नहीं मिली. पीएम चाहते थे कौशल विकास में बड़ी उपलब्धि हासिल हो. अब उन्हें संगठन में ज़िम्मेदारी मिल सकती है. बंडारू दत्तात्रेय पर आरएसएस से जुड़े संगठनों ने सवाल उठाए थे. श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय तेलंगाना में संगठन की ज़िम्मेदारी निभाएंगे. बंडारू दत्तात्रेय श्रम मंत्रालय के फ़ैसलों पर आरएसएस से जुड़े संगठनों ने सवाल उठाए थे. श्रम सुधारों को लेकर लचर प्रदर्शन उनके इस्तीफे का कारण बताया जा रहा है. हालांकि उन्हें तेलंगाना में संगठन को मज़बूत करने का काम दिया जा सकता है.