देशभर में अब किसी भी केंद्रीय मंत्री की गाड़ी पर आपको लालबत्ती नजर नहीं आएगी. यहां तक की अब आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीवीआईपी गाड़ी पर भी लाल बत्ती नहीं देखेंगे.
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि मोटर व्हीकल नियमों में बड़े बदलाव किये गए हैं. इसमें कुल 108 नियम हैं, जिसमें ये भी जिक्र किया गया है कि केंद्र या राज्य सरकार में अब 1 मई के बाद से कोई भी मंत्री या राज्यमंत्री लाल बत्ती के साथ घूमता नजर नहीं आएगा. ये नियम पूरे देश में लागू होगा. सरकार इस नियम को ही हटा रही है.
जेटली ने बताया कि सरकार ने ये फैसला लिया है. ये पीएम मोदी का फैसला था जिसे कैबिनेट को बताया गया. मोटर व्हीकल नियमों में बदलाव को पीएम मोदी ने स्वीकृति दे दी है और ये 1 मई से पूरे देश में एक साथ लागू हो जाएगा.
जेटली ने बदलाव के बारे में ये भी बताया कि नीली बत्ती को लेकर भी नियमों में संशोधन किया गया है. पहले ये अधिकार राज्य सरकार के पास होता था कि कौन इसका प्रयोग करेगा. लेकिन नए नियमों के बाद अब सिर्फ इमरजेंसी सर्विस जैसे कि फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, पुलिस ही नीली बत्ती का प्रयोग कर सकेंगे.
कैबिनेट के अन्य फैसले में सेना में विकलांग या शहीद जवानों की छुट्टियां कैश करने की भी सुविधा को मंजूरी दी गई है. ये सुविधा 19 फरवरी 1991 से लेकर 29 नवंबर 1999 तक के जवानों को दी जाएगी.कैबिनेट बैठक के बाद न्यूज 18 इंडिया से बात करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी गाड़ियों से लाल बत्ती को हटाने का फैसला किया है.
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गौरतलब हो कि पीएम मोदी सरकार में आने के बाद से ही लगातार इस लाल बत्ती कल्चर को खत्म करने या एक सीमा में लाने का प्रयास कर रहे हैं. इससे जुड़ी हुई एक रिपोर्ट भी पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पीएमओ को सौंपी थी. इसके बाद से ही लाल बत्ती को सीमित करने को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई थी.इससे पहले 2013 में सुप्रीम कोर्ट भी अपने एक निर्णय में कह चुहा है कि लाल बत्ती का सीमित उपयोग ही किया जाना चाहिए. आपको याद होगा कि पीएम मोदी जब दिल्ली के सेना चिकित्सालय में एक जवान से मिलने गए थे तो अपनी कार में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं किया था. इसके अलावा हाल ही में जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत आईं थीं तो उनके स्वागत के लिए भी पीएम मोदी बिना लालबत्ती के ही गए थे.