भारतीय कारोबारी विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया है. विजय माल्या को वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद माल्या को कोर्ट में पेश किया जाएगा. बता दें कि विजय माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. माल्या पर इंडियन बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है.
क्या है माल्या का मामला?
इससे पहले, ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को जिला जज को भेज दिया था. यह माल्या को भारत लाने और उन पर मुकदमा चलाने की दृष्टि से पहला कदम था. माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है.
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क्या भारत ला पाएगी मोदी सरकार?
माल्या की गिरफ्तारी के बाद अब सबका ध्यान इस बात पर है कि क्या मोदी सरकार माल्या को भारत ला पाएगी. माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था. सरकार ने ऐलान किया था कि माल्या को वापस लाया जाएगा. इसके बाद ईडी औऱ सीबीआई समेत तमाम एजेंसियां माल्या को घेरने में जुट गई थीं. भारत ने ब्रिटेन से माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक चैनल का भी इस्तेमाल किया और ब्रिटेिश सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी. अब गिरफ्तारी के बाद सरकार सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर माल्या को वापस लाने की कोशिश करेगी.
पिछले साल से हैं ब्रिटेन में
माल्या पिछले साल दो मार्च को ब्रिटेन चले गए थे. जबकि इसके कुछ दिन बाद ही उच्चतम न्यायालय ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था. भारत ने इस साल आठ फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था.