आज के दौर में यौन-शक्ति बढ़ाने के लिए लोग न जाने क्या-क्या जतन नहीं करते हैं। महंगी दवाइयों से लेकर जेल तक का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि पुराने जमाने में राजा महाराजा कैसे अपनी चार-पांच पत्नियों को संतुष्ट कर पाते थे। आखिर वे अपने यौन-शक्ति बढ़ाने के लिए क्या इस्तेमाल में लाते थे। तो चलिए आपको बता दें कि राजा-महाराजा अपनी यौन-शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ खास जड़ी-बूटियों का उपयोग करते थे।
आज हम आपको उन पूरे नुस्खों के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं, जो बीते समय में राजा-महाराजा इस्तेमाल किया करते थे। एक बड़े आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कि, इन जड़ी-बूटियों में मौजूद ताकत देने वाले तत्वों के कारण राजा-महाराजा सालों स्टेमिना से भरपूर रहते थे। उन्होंने बताया कि इन राजाओं के नुस्खों में कुछ काफी महंगे आईटम जैसे सोना, चांदी, मोती वगैरह उपयोग होते थे लेकिन कुछ ऐसी जड़ी बूटियां भी उपयोग में आती थी, जो आसानी से आज भी मिल सकती हैं।
अनोखी परंपरा यहां लड़कियां पहले बच्चा पैदा करती है, फिर करती है शादी।
सफ़ेद मूसली :-इसका यूज इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इनफर्टिलिटी, स्पर्म की कमी, कमजोरी, इम्पोटेंसी और इम्युनिटी के लिए किया जाता है। एक चम्मच सफ़ेद मूसली को मिश्री और दूध के साथ रोजाना सुबह और शाम लें। अश्वगंधा :-इसका यूज कमजोरी, थकान, लो स्पर्म काउंट इम्युनिटी के लिए होता है। इसे सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच अश्वगंधा का पाउडर लें। शतावर :-इसका यूज इन्फर्टिलिटी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, थकान, कमजोरी, लो स्पर्म काउंट, यूरिन प्रॉब्लम के लिए होता है। इसे एक-एक चम्मच मिश्री और गाय के घी के साथ आधा चम्मच शतावर का पाउडर लें, और उपर से दूध पी लें।
शिलाजीत :-इसका यूज कमजोरी, एनर्जी की कमी, इम्युनिटी, बुढ़ापा, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन वगैरह के लिए होता है। इसे चावल के दाने के बराबर शिलीजीत या इसकी चुटकी भर भस्म को एक चम्मच गाय के घी या शहद के साथ लें। केसर :-इसका यूज इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, इन्फर्टिलिटी, स्पर्म काउंट,कमजोरी, थकान के लिए होता है। एक गिलास दूध में चुटकी भर केसर डालकर रात को सोने से पहले पिएं।