बिजली चोरी और कटियाबजी के लिए कुख्यात उत्तर प्रदेश अब नए निजाम के आते ही बड़े बदलाव की राह पर है. पिछली सरकारों में बिजली चोरी और कटियाबजी कर विभाग को करोड़ों का चूना लगाने वालों की शामत आने वाली है.
दरअसल, योगी सरकार बिजली चोरी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है. सरकार के रडार पर वे इलाके हैं जहां से सपा और बसपा की सरकार में सबसे ज्यादा लाइन लॉस और बिजली चोरी की शिकायतें मिलती रहीं हैं.
सरकार को शिकायत मिली थी कि पिछली सरकारों में प्रदेश के कई इलाकों में कटिया कनेक्शन, लाइन लॉस और बिजली चोरी की शिकायतों को नजरअंदाज किया जाता रहा है. जिसके बाद उर्जा मंत्रालय ने पूरे प्रदेश से इन इलाकों की रिपोर्ट मंगवा ली है और सभी जिले के जिलाधिकारियों को निर्देश भी दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अभियान चलाकर कार्रवाई करें.
बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार को 63 लाख ऐसे अवैध कनेक्शन की जानकारी मिली है जो कोई बिल नहीं चुकाते. इनमे से बहुत सारे कनेक्शन या तो राजनीतिक रसूख के चलते दिए गए हैं या फिर अपने खास लोगों को खुश करने के लिए. अब इस अभियान के तहत इन सभी कनेक्शन को अधिकृत किया जाएगा और उनसे पुराने बिल की राशि भी वसूली जाएगी.
अंदरखाने से मिल रही खबर के मुताबिक इस अभियान में जिले के डीएम समेत बिजली विभाग के कर्मचारी, स्थानीय पुलिस और जरूरत पड़ने पर सहायता के लिए पीएसी भी मौजूद रहेगी. सरकार का लक्ष्य यह है कि वह किसी भी कीमत पर बिजली चोरी पर लगाम लगाकर विभाग को हो रहे राजस्व घाटे को रोक सके.
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पिछले दिनों ही उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शक्ति भवन में अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक में बिजली चोरी रोकने के लिए प्रभावी अभियान चलाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर बिजली चोरी नहीं होने दी जाएगी.
बिजली चोरी को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार कितनी सख्त है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बनने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की दो बार बैठक हो चुकी है. पिछले सोमवार को भी एक बैठक दोनों के बीच हुई. इस बैठक में बिजली चोरी के खिलाफ सघन अभियान, भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई और बिजली खरीदने को लेकर गहन चर्चा हुई. समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसी भी कीमत पर बिजली चोरी रोकनी है. नेशनल ग्रिड से बिजली खरीदकर प्रदेश में उसकी सप्लाई सुनिश्चित करानी है. जिसकी शुरुआत भी हो चुकी है.
मीटिंग के बाद गोयल ने बताया कि उनके पास भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें आने लगी हैं. इन अधिकारियों पर गाज जल्द ही गिरने वाली है.
दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के अन्य नेताओं ने बिजली सप्लाई के मुद्दे को जोर शोर से उठाया था. पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में भी सभी को बिना किसी भेदभाव के बिजली मुहैया कराने का वादा भी किया था. अब सरकार बनने पर विभाग के मंत्री इसे अमली जामा पहनाने में जुट गए हैं.