दोस्ती और प्यार एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं। लड़का और लड़की में सबसे पहले दोस्ती होती है और बाद में प्यार हो जाता है। चूंकि हमारे समाज में लड़कियों का लड़कों से बात करना सही नहीं माना जाता है और लड़कियों पर पाबंदियां भी लगायी जाती हैं शायद यही कारण है कि लड़के और लड़कियों की दोस्ती बहुत ही कम देखने को मिलती है लेकिन गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड बनाने का चलन तो बहुत ही आम है।
इन सबके बावजूद भी स्कूल और कॉलेजों में लड़के लड़कियां दोस्ती करते हैं और उसे निभाते भी हैं। लेकिन फिर भी लोग इनकी दोस्ती को शक की निगाह से देखते हैं। अगर आप भी दोस्ती और प्यार को लेकर भ्रम में हैं तो इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि दोस्ती और प्यार में क्या अंतर है।
वास्तव में दोस्ती और प्यार में अंतर का पता लगाने का तरीका बेहद आसान है। यदि आप किसी लड़की को सिर्फ अपना दोस्त मानते हैं लेकिन वह आपकी तरफ आकर्षित हो रही हो और आपको छूने या आपके साथ अकेले में समय बिताने का मौका ढूंढ रही हो तो इसका मतलब यह है कि यह दोस्ती नहीं बल्कि प्यार है। दोस्ती होने पर लड़का लड़की शारीरिक रूप से एक दूसरे के प्रति आकर्षित नहीं होते हैं ना ही एक दूसरे को छूने का मौका खोजते हैं। ऐसी स्थिति तब आती है जब दोनों के बीच प्यार पनपता है। इससे आप दोनों में अंतर समझ सकते हैं।
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अगर कोई लड़की और लड़का सिर्फ दोस्त हैं तो लड़की किसी अन्य लड़के और लड़का किसी अन्य लड़की की ओर आकर्षित होता है तो दोनों में जलन का कोई भाव नहीं होगा लेकिन यदि दोनों में से किसी एक व्यक्ति को भी अपने दोस्त से प्यार है तो वह कभी नहीं चाहेगा कि आप दोनों के बीच कोई तीसरा आए या आप किसी और व्यक्ति के प्यार में पड़ें। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा हो और मन ही मन इस बात से ईर्ष्या हो रही हो कि आपका दोस्त किसी और लड़की से क्यों बात करता है तो जनाब आप अपने दोस्त के साथ प्यार में हैं।
वैसे तो दोस्ती में सभी लोग अपने दोस्तों की परवाह करते हैं, उसका ध्यान भी रखते हैं लेकिन यदि दोनों के बीच दोस्ती से आगे कुछ और ही पनप रहा है तो यह सिर्फ दोस्ती ही नहीं बल्कि प्यार है। दोस्ती में लोग अपने दोस्तों को लेकर अधिक कैजुअल रहते हैं और उसको लेकर ज्यादा टेंशन नहीं लेते हैं जबकि प्यार में आप छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखते हैं। उसने खाना खाया या नहीं, ये सवाल पूछने से लेकर वह आपके लिए क्या महसूस कर रही है या कर रहा है यह बात भी आप जानना चाहते हैं जबकि दोस्ती की फीलिंग ऐसी नहीं होती है।
ज्यादातर लोग दोस्तों के बुलाने पर ही उनसे मिलने जाते हैं या उनके साथ पार्टी करते हैं जबकि प्यार में ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है। प्यार होने पर आप उससे मिलने के लिए हजार तरह के बहाने और मौके ढूंढेंगे। कोई भी त्योहार या उसके बर्थडे की तारीख पर उसे विश करना नहीं भूलेंगे जबकि आप ऐसे मौकों पर दोस्तों को सिर्फ मैसेज करके काम चला लेते हैं। दोस्ती में इस बात की भी चिंता नहीं रहती है कि आप क्या पहनकर अपनी दोस्त से मिलने जा रहे हैं जबकि प्यार होने पर उससे मिलने जाने से पहले यह सोचना पड़ता है कि क्या पहनें।
हम सभी जानते हैं कि हम अपने दोस्तों से रोजाना फोन पर बातें नहीं करते हैं और कभी कभी बहुत जरूरी काम होने पर भी उसे फोन करने की बजाय व्हाट्सएप संदेश पर बात करके काम चला लेते हैं। जबकि प्यार में ऐसा नहीं होता है। प्यार में लोग एक दूसरे को रोज फोन करते हैं। कुछ लोग तो अपने लवर्स को पूरे दिन फोन करके पल पल की खबर लेते रहते हैं। प्यार में लोग देर रात तक और छुपछुपकर बातें करते हैं जबकि दोस्ती खुली किताब की तरह होती है और दोस्त से बात करने के लिए किसी से छुपना नहीं पड़ता है।
वैसे तो लोग विभिन्न अवसरों पर अपनी दोस्त को गिफ्ट तो देते ही हैं लेकिन अगर किसी कारणवश गिफ्ट नहीं दे पाते हैं तो दोस्त को बुरा भी नहीं लगता है। जबकि प्यार में ऐसा नहीं होता है। अगर आप प्यार में हैं तो आपको इस बात कि चिंता रहेगी की आप अपने लवर्स को गिफ्ट क्या दें। अगर आप परिस्थितिवश गिफ्ट खरीदने में सक्षम नहीं हैं तो भी आप कहीं न कहीं से व्यवस्था करके उसे देने के लिए गिफ्ट खरीदेंगे ही। अगर आप अपने लवर्स को गिफ्ट न दें तो हो सकता है कि उसे बुरा लगे लेकिन दोस्ती में गिफ्ट न देने के बावजूद आपकी दोस्त का व्यवहार आपके लिए वैसा ही रहेगा।
अगर आप दोनों सिर्फ दोस्त हैं तो एक दूसरे के साथ होने पर बिल्कुल सामान्य तरीके से रहेंगे लेकिन आप दोनों के बीच प्यार है तो आप दोनों दूसरों के सामने सामान्य नहीं हो पाएंगे। इसका अर्थ यह है कि दूसरों के सामने आपलोग खुलकर बातें नहीं करेंगे। दोस्ती में रोमांटिक ख्याल नहीं आते हैं जबकि प्यार होने पर दोनों अपने को हीरो हीरोइन समझते हैं। आपका सजना संवरना, हावभाव, बात करने का तरीका, एक दूसरे को देखकर खुश होना, एक दूसरे को याद करना, फोन न करने पर शिकायत करना या लड़ना जैसी बातें होंगी।
यदि सिर्फ दोस्ती है तो दोस्ती में कोई अपने दोस्त को चौबीस घंटे याद नहीं करता है। ज्यादातर लोग तो अपने दोस्तों को काम पड़ने पर ही याद करते हैं। लेकिन प्यार में लोग अपने लवर्स को हर दो मिनट पर याद करते हैं। कभी कभी तो बहुत व्यस्तता होने के बावजूद प्यार में लोग मैसेज करके उनका हालचाल पूछना नहीं भूलते हैं। लेकिन दोस्ती में यदि दोस्त फोन न करने की शिकायत करता है तो लोग काम की व्यस्तता का बहाना बनाते हैं और कहते हैं कि टाइम नहीं मिलता है। दोस्ती और प्यार के इस अंतर को आसानी से समझा जा सकता है।
आमतौर पर दोस्ती में ऐसा होता है कि लोग अपनी दोस्त के दूर चले जाने पर रोते नहीं हैं और ना ही बहुत ज्यादा दुखी होते हैं क्योंकि वे फिर नए लोगों से दोस्ती कर लेते हैं। जबकि प्यार में लवर्स के दूर जाने पर आंखों से सिर्फ आंसू ही बहते हैं। प्रेमी या प्रेमिका के दूर चले जाने पर कई लोग देवदास जैसी हालत बना लेते हैं। लड़के ड्रिंक करने लगते हैं और उसे भूलने के लिए नशे के आदी हो जाते हैं। यदि लवर्स से ब्रेकअप हो गया हो तो जीने मरने की नौबत आ जाती है लेकिन यदि दोस्ती टूटती है तो कुछ दिनों बाद सबकुछ नॉर्मल हो जाता है और कोई भी व्यक्ति एक जगह बैठकर इसके लिए मातम नहीं मनाता है।