इस रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी दिन भर के लिए गुरु बन जाएंगे. नौ जुलाई को गुरु पूर्णिमा है. इस विशेष दिन के लिए गोरखपुर के गोरक्ष पीठ में भव्य तैयारियां चल रही है. इस बार सब कुछ ख़ास सा हो गया है. क्योंकि यहां के गुरु अब उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री भी तो हैं.
गोरखनाथ मंदिर के महंथ योगी आदित्यनाथ कुछ घंटों के लिए अलग रोल में नज़र आएंगे. सीएम के बदले वे अपने लोगों के लिए गुरु बन जाएंगे. सबसे पहले वे अपने गुरु महंथ अवैद्यनाथ की पूजा करेंगे, उनकी मूर्ती को तिलक लगाएंगे और फिर गुरु दक्षिणा भी देंगे. अवैद्यनाथ जब तक ज़िंदा रहे, तब भी योगी ऐसा ही किया करते थे.
ये गोरक्ष पीठ की गुरु शिष्य परम्परा रही है. अपने गुरु की पूजा के बाद योगी एक विशेष गद्दी पर बैठ जाएंगे और फिर बारी बारी से लोग योगी आदित्यनाथ को तिलक लगाएंगे और गुरु दक्षिणा भेंट करेंगे. वैसे तो जो भी चाहे योगी को गुरु पूर्णिमा पर तिलक लगा सकता है. लेकिन इस बार के कार्यक्रम में कुछ बदलाव भी हुआ है.
अब योगी आदित्यनाथ अब अपने मठ के गुरु ही नहीं बल्कि यूपी के मुख्य मंत्री भी है. इसीलिए कुछ गिने चुने लोगों को ही उन्हें तिलक लगाने का मौक़ा मिलेगा. ऐसे लोगों की एक लिस्ट तैयार हो चुकी है. जिसे सीएम ऑफिस को भेज दिया गया है.
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गोरखनाथ मंदिर के विनय गौतम बताते है कि “योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कोई परम्परा नहीं टूटी है, हर साल गुरु पूर्णिमा पर वे मठ में ही रहते है और नाथ सम्प्रदाय में तो गुरु का बड़ा महत्व रहा है.”
यूपी का सीएम बनने के बाद पूजा पाठ और यज्ञ हवन के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के सरकारी बंगले में गृहप्रवेश किया था. नवरात्र में उन्होंने कन्या पूजन भी किया था. कुंवारी लड़कियों का पाँव धो कर योगी ने उन्हें सीएम वाले घर पर भोजन कराया था. जब भी योगी अपने गोरखपुर जाते है रात में मंदिर में ही रूकते हैं. सवेरे चार बजे ही गौशाला पहुंच जाते हैं और बाबा गोरक्षनाथ की आरती तो बिलकुल नहीं भूलते.
योगी आदित्यनाथ आठ जुलाई को ही गोरखपुर पहुंच जाएंगे. अगले ही दिन गुरु पूर्णिमा है. गुरु के रूप में अपने शिष्यों से मिलने के बाद उसी दिन शाम में योगी आदित्यनाथ लखनऊ लौट आएंगे. कभी अयोध्या का दौरा तो कभी गोरखपुर में गायों की सेवा और फिर गोरखनाथ मंदिर में पूजा पाठ. योगी ने सीएम बनने के बावजूद अपने आक्रामक हिन्दुत्वादी नेता की चमक कम नहीं होने दी है.