नई दिल्ली: रक्षा संबंधों में आई प्रगाढ़ता प्रदर्शित करते हुए भारत और फ्रांस ने शनिवार को युद्धक पोतों के लिए नौसैन्य अड्डों के द्वार खोलने सहित एक दूसरे के सैन्य केन्द्रों के उपयोग की व्यवस्था करने वाले एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के बीच यह समझौता हिन्द प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढते सैन्य विस्तार के बीच हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बातचीत के बाद बयान जारी किया जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों में एक दूसरे के सहयोग का भरोसा दिलाया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कई मुद्दों पर चर्चा की और इस दौरान उन्होंने रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को और गहरा करने के तरीके खोजने के लिए मंत्रीस्तरीय सालाना रक्षा वार्ता शुरू करने का फैसला किया. संकेत हैं कि फ्रांस ने बातचीत के दौरान भारत द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों का एक और समूह खरीदने की वकालत की. अधिकारियों ने कहा कि फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले द्वारा रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक के दौरान भी यह विषय उठा.
राफेल सौदे का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैक्रों की भेंटवार्ता के दौरान उठा. मैक्रों ने मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘‘ भारत ने( राफेल जंगी जेट) इस संबंध में संप्रभु फैसला किया और हम इस क्षेत्र में प्रगति की निगरानी कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि यह कार्यक्रम चलता रहे.’’ भारत ने36 राफेल जंगी जेट विमान खरीदने के लिए2016 में फ्रांस के साथ दोनों सरकारों के बीच सौदा किया था।
समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में संबंधों पर फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देश हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग के‘‘ अभूतपूर्व’’ स्तर पर जाएंगे. उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां समुद्री क्षेत्र की गतिविधियों के लिए संयुक्त निगरानी तंत्र तैयार करेंगी जबकि दोनों देशों की नौसेनाएं खुफिया सूचनाएं साझा करेंगी तथा कोई जरूरत पड़ने पर अपने अपने सैन्य अड्डों से संपर्क करेंगी.
दोनों देशों ने रक्षा खरीद सहित उच्च तकनीक लेन देन की गोपनीयता की गुंजाइश बढाने के प्रयास में गोपनीय सूचनाओं के संरक्षण पर एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए. समझौता ऐसे समय हुआ है जब कुछ सप्ताह पहले सरकार ने संसद में फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 58 हजार करोड़ रुपए के सौदे के बारे में विस्तृत लागत जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था.
रक्षा, अंतरिक्ष के क्षेत्र भी समझौते
इसके अलावा, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और फ्रांस की उनकी समकक्ष फ्लोरेंस ने बातचीत की और इस दौरान भारतीय नौसेना के स्कोर्पीन पनडुब्बी कार्यक्रम सहित कई खास परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई. इस बीच, भारत और फ्रांस ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग बढाने तथा समुद्री क्षेत्र में इसका प्रयोग करने का फैसला किया.
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम की गति बढ़ाने का फैसला किया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और फ्रांस की अंतरिक्ष एजेंसी सीएनईएस ने आपसी हित वाले क्षेत्रों में पोतों का पता लगाने, पहचान करने और निगरानी करने के सिलसिले में समझौते पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों ने तेज रफ्तार रेल नेटवर्कों को ध्यान में रखते हुए रेल क्षेत्र में सहयोग के लिए दो समझौते किए.
पर्यावरण के क्षेत्र में भी बढ़ेगा सहयोग
दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अगुवाई के अपने संकल्प को दोहराते हुए पर्यावरण के क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाने को लेकर भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन ( आईएसए) के सम्मेलन से एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने आईएसए के प्रारूप संधि के लागू होने का स्वागत भी किया. पर्यावरण के क्षेत्र में समझौते पर पर्यावरण राज्यमंत्री महेश शर्मा और फ्रांस के पारिस्थिति एवं समावेशी परिवर्तन मंत्री से संबद्ध राज्यमंत्री ब्रून प्वारसन ने दस्तखत किए.