हाथ की कलाई पर मौलि धागा बाँधने के ये लाभ

कुछ लोगो धार्मिक परम्पराओ और स्वास्थ्य को अलग अलग मानते है जबकि इन दोनों का सम्बन्ध एक साथ जुड़ा हुआ है! जबकि हम लोगो घर में या मंदिर में कभी भी पूजा करते है तो कलाई पर एक मौलि धागा बांध जाता है! और ये धागा पूजा करते समय बांधने की परम्परा चली आ रही है! लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी की ये धागा केवल एक परम्परा ही नहीं आपके स्वास्थ्य को भी काफी बेनिफिट है! इसके लिए आपको बता दे …

हाथ की कलाई पर मौलि धागा बाँधने के ये लाभ

मौलि धागा बाँधने के धार्मिक मान्यता

घार्मिक शास्त्र के मुताबित जब भी आप पूजा करते समय कलाई पर मोली का धागा बांधने की शुरुआत देवी लक्ष्मी और राजा बाली ने की थी! इस धागे को एक रक्षा कवक भी कहा जाता हैं! माना जाता है की इसको बांधने से हर प्रकार की मुसीबतें टल जाती हैं!

यहाँ तक की कहा जाता है इस धागे से ब्रह्मा, विष्णु और महेश साथ ही लक्ष्मी, पार्वती, त्रिदेवी सरस्वती की कृपा हमारे पर ऊपर बनी होती हैं! वेदो को मुताबित वृत्रासुर के युद्ध में जाते समय इन्द्राणी ने शची को दाए हाथ में रक्षा सूत्र यानि ऐसा ही एक धागा बंधा था! इसपर एक धार्मिक मान्यता भी यानि की इसमें तीनो देव विराजमान रहते है और इसके द्वारा कलाई में बांधने से काम या बिजनेस में बरकत होती हैं!

वैज्ञानिक मान्यता :- 

बता दे धार्मिक के अलावा स्वास्थ्य में इसका  कैसे महत्व है वो ऐसे की शारीर के काफी मैन अंग तक पहुंचने के लिए नस को कलाई से गुजरना पड़ता है! और जब हम कलाई पर धागा बांधते है तो नस की क्रिया नियंत्रित होती है! इससे हमारे तीन दोष जल्द ही दूर हो जाते है! जबकि उनमे ह्रदयरोग, पक्षघात और मधुमेह रोग जैसी कई बीमारियों से हमें छुटकारा मिलता हैं! और ये सत्य भी है क्योकि इसको वैज्ञानिकों ने भी माना है!
 
इस धागे को पुरुष और अविवाहित महिलाएं दाये हाथ में और विवाहित महिलाएं बाये हाथ में बांधती हैं! इसके अलावा एक पुरानी मान्यता है की जब वाहन, मुख्य द्वार, खाता बही और चाबी पर धागा बांधने से काफी सारे फायदे होते है! कहा जाता है घर में धागे से बनी चीजों को रखने से घर में सुख सम्रद्धि आती हैं।

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