नई दिल्ली: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक जिस हेलीकॉप्टर में सवार थे, वह करीब 45 मिनट तक हवा में मंडराता रहा।
इस घटना के बाद कोरापुट जिले में एक एग्जिक्यूटिव इंजीनियर को कर्तव्य में शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जयपुर सब-डिवीजन में अपना कार्यक्रम पूरा करने के बाद पटनायक गुरुवार दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर कोटपद के लिए रवाना हुए और उन्हें 12 बजकर 55 मिनट पर पहुंचना था, लेकिन वह दोपहर एक बजकर 35 मिनट तक कोटपद में हेलीकॉप्टर से नहीं उतर सके। अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर के उतरने के लिए हेलीपैड तैयार करने के लिए जिम्मेदार लोक निर्माण विभाग को अक्षांश, देशांतर और उंचाई सहित जगह का पूरा ब्योरा देना था, लेकिन उसने समय पर पायलट को ये सूचनाएं नहीं दी जिससे देरी हुई। उन्होंने बताया कि पायलट सही जगह की तलाश करता रहा और मुख्यमंत्री 45 मिनट तक हवा में फंसे रहे। विभाग के सचिव नलिन कांत प्रधान ने बताया कि इस घटना के बाद जयपुर के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया। हालांकि, इंजीनियर का नाम नहीं बताया गया।