हरियाणा सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार पराली जलाने वालों पर कड़ी नजर रखने के लिए अकेले फरीदाबाद जिले में 149 टीमें नियुक्त की जाएंगी। इसके अलावा पूरे मंडल में कुल 592 टीमें सक्रिय रहेंगी, जो लगभग 3,000 किसानों पर पैनी निगरानी रखेंगी। यदि कोई किसान पराली जलाता पाया गया, तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार पूरे राज्य में भी ऐसी टीमें पराली जलाने वालों पर नजर बनाए रखेंगी।
इन टीमों का एक और महत्वपूर्ण कार्य फसलों की कटाई एवं बची हुई पराली के अवशेषों की रिपोर्ट तैयार करना होगा। यह रिपोर्ट जिला उपायुक्त के माध्यम से उच्च अधिकारियों तक पहुंचाई जाएगी। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा डिप्यूटेशन अधिकारियों की नियुक्ति कर इन टीमों का गठन सुनिश्चित किया जाएगा। बता दें कि ग्रैप के विभिन्न चरणों के अनुसार इन टीमों की संख्या में वृद्धि भी की जा सकती है।
कंस्ट्रक्शन साइटों पर भी कड़ी निगरानी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्यों से भी प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है। अब केवल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मान्यता प्राप्त निर्माण साइटें ही संचालित हो सकेंगी। किसी भी साइट के मालिक को संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। पहले से संचालित साइटों को भी प्रदूषण नियंत्रण के मानकों को पूरा करना होगा। एनओसी जारी करने में एफएमडीए, क्षेत्रीय कार्यालय नगर निगम, और एचएसवीपी जैसे विभागों की मदद ली जा रही है, ताकि ग्रैप के लागू होने से पहले सभी प्रदूषण नियंत्रण मानकों को पूरा किया जा सके।
पराली जलाने पर सख्त जुर्माना और प्रतिबंध
पलवल के डिप्टी कमिश्नर डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ के अनुसार, पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन करने वालों पर 5,000 से लेकर 30,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा और एफआईआर दर्ज की जाएगी। साथ ही, आने वाले दो वर्षों तक ऐसे किसान अपनी फसल को एमएसपी पर बेचने के पात्र नहीं होंगे।
हेल्पलाइन नंबर जारी
सरकार किसानों को पराली जलाने की बजाय इसे आय का स्रोत बनाने के विकल्प भी उपलब्ध कराएगी। आम आदमी भी पराली जलाए जाने की सूचना कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को दे सकते हैं। इसके लिए 01275-254060 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
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