हजारों की संख्या में केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई में लगे किसान अपनी सेहत से समझौता नहीं कर रहे

नए कृषि कानून के विरोध में नौ दिन से सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है। बॉर्डर पर एक और जहां पुलिस का जमावड़ा है तो दूसरी और हजारों की संख्या में किसान है। केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई में लगे किसान अपनी सेहत से समझौता नहीं कर रहे हैं।

पंजाब-हरियाणा के देसी खाने के साथ-साथ वह देसी घी की पिन्नी, चने, मेवे व ठंडाई का स्वाद भी ले रहे हैं। यह खाना-पीना सर्दियों के मौसम के हिसाब से तैयार किए जा रहा है। इससे कि किसी की सेहत बिगडने ना पाए। खाने के साथ दवाई के लंगर भी उनकी सेहत को दुरस्त करने में लगे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर बड़े-बड़े टैक्टरों व ट्रॉली के साथ किसान पहुंचे हुए हैं। बॉर्डर केचार से पांच किलोमीटर में छोटे-छोटे समूहों में किसान फैले हुए हैं। जहां उनकेलिए खाने-पीने, रहने की व्यवस्था इस तरह से की गई है कि वह सड़क पर  ही छ: माह गुजार सकते हैं। बॉर्डर पर थोड़ी थोड़ी दूरी पर गुरूद्वारों की तरह खाने-पीने के काफी इंतजाम किए गए हैं।

खाना भी ऐसा जिससे कि सेहत को किसी तरह से नुकसान ना हो। मेवे, काली-मिर्च, इलायजी, खरबूजे के बीज पीसकर ठंडाई बनाई जा रही है, तो कहीं देसी घी की पिन्नी खिलाकर उन्हें लंबे संघर्ष केलिए तैयार रहने को कहा जा रहा है। बीच-बीच में एक मुट्ठी जितने भुने चने खाकर आगे बढ़ रहे हैं, तो कहीं पैकेट में मेवे बांटे जा रहे हैं। 

सांझे चूल्हा तो आपने सुना ही होगा, उसी तर्ज पर यहां हजारों लोगों केलिए एक साथ खाना तैयार किया जा रहा है। खाना भी ऐसा जिसमें मिर्च-मसाले कम हैं और सब्जियां भी मौसमी रखी गई हैं। अलग-अलग गुरुद्वारे से यह लंगर की विशेष व्यवस्था है। खाना इतना तैयार हो रहा है कि यहां पहुंच रहे अन्य लोगों को इसकी कमी ना पड़े। चावल, सब्जी, रोटी, दूध, चाय, फ्रूटी हर तरह की व्यवस्थाकी गई है एक तरह से यह जगह एक मिनी पंजाब में तब्दील है। 

सिंघु बार्डर पर जिस तरह से खाने-पीने की व्यवस्था है, उससे किसान कई दिन सड़क पर आंदोलन जारी रख सकते हैं। बॉर्डर पर उनके खान-पान का काफी ध्यान रखा जा रहा है। अपोलो अस्पताल के सर्जरी विभाग में डायटिशियन दीबा सिद्दकी कहती हैं कि आहार संतुलित लेना जरुरी है। चूंकि वह शारीरिक गतिविधियां नहीं कर रहे तो अधिक घी व तेल का खाना उनके स्वास्थय को नुकसान पहुंचा सकता है।

किसी की भी डाइट में सब्जी, रोटी, दाल चावल, दूध-दही व फल का होना अनिवार्य है। भुने चने व मेवे इम्यूनिटी बूस्टर का काम करते हैं।

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