बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा से जुड़े एक नए प्लान को जल्द लागू करने की सलाह दी है। इसके तहत सामान्य बीमाकर्ताओं या स्टैंड-अलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं के लिए ऐसी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लॉन्च करना अनिवार्य कर दिया गया है, जो मानसिक बीमारी वाले लोगों और एचआईवी/एड्स और विकलांग लोगों को कवरेज प्रदान कर सकती है।
IRDAI काफी समय से इस सेगमेंट में आने वाले लोगों के लिए बीमा कवरेज लाने की प्लानिंग कर रही थी। इसके लिए लगभग एक साल पहले नियामक ने स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को नियमित स्वास्थ्य बीमा कवरेज में मानसिक बीमारियों को जोड़ने के लिए कहा था, लेकिन बीमा कंपनियों की धीमी रफ्तार की वजह से अब इसे जल्द लागू किए जाने की बात कही गई है।
सर्कुलर द्वारा किया गया अनिवार्य
IRDAI ने नया सर्कुलर जारी कर कहा कहा है कि सभी रजिस्टर्ड सामान्य और स्टैंड-अलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता को अनिवार्य रूप से अपने उत्पादों को तुरंत लॉन्च और पेश करना चाहिए। ऐसी नीतियों को लोगों को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिनियमों में प्रावधान भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बीमाकर्ताओं को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे बोर्ड द्वारा अनुमोदित हामीदारी नीति तैयार करें ताकि उपर्युक्त श्रेणी किसी भी कवरेज से वंचित नहीं रहे।
इन लोगों को मिलेगी कवरेज
IRDAI द्वारा अनिवार्य किए गए नियम के तहत स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों में अब विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी), एचआईवी/एड्स वाले व्यक्तियों और मानसिक बीमारी वाले लोगों को बीमा कवरेज देना होगा। IRDAI ने इसके लिए स्पेशल कवर की पेशकश करने के लिए कहा है। बीमाकर्ता को ध्यान में रखते हुए उत्पाद का दायरा बढ़ाने की अनुमति दी गई है। हालांकि, किसी भी स्थिति में बीमाकर्ता उत्पाद के दायरे को कम नहीं कर सकते। उत्पाद की पॉलिसी अवधि एक वर्ष के लिए होगी और निर्धारित नियामक ढांचे के अनुसार होगी।
IRDAI सर्कुलर के अनुसार, बीमाकर्ता IRDAI (स्वास्थ्य बीमा) विनियम, 2016 में दिए मानदंडों के पालन करते हुए उत्पाद की कीमत निर्धारित कर सकते हैं।