धार्मिक नगरी रतनपुर क्षेत्र के अकलतरी से 75 वर्षीय महिला नवरात्रि पर पर्व अचानक गायब हो गई थी। सोशल मीडिया में वायरल हुए इस मैसेज के बाद लंबे समय से बिछड़ी मां उसके बेटे को मिल गई। वहीं, मां को अपनी आंखों के सामने पाकर बेटा भी गदगद हो गया। वृद्ध महिला मध्यप्रदेश के रतलाम स्थित वृद्धाश्रम में रह रही थी। रतनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम अकलतरी निवासी सूरजाबाई पति स्व. नंदकीराम ढीमर अपने बेटे से अलग होकर कोरबा के सर्वमंगला मंदिर के पास रहती थी। महिला आसपास भीख मांगकर जीवन यापन करती थी। बीच-बीच में वह अकलतरी अपने बेटे से मिलने जाती रहती थी। सूरजाबाई का इकलौता बेटा तारकेश रोजी-मजदूरी करता है। वह अपनी मां को साथ रहने के लिए कहता रहा। बीते नवरात्रि के बाद से वह घर नहीं आई।
इस बीच तारकेश को लगा कि वह आसपास के गांव में रह रही होगी। अचानक रविवार को तारकेश के पास परिचित देवेंद्र पांडेय ने फोन किया और उसकी मां के संबंध में जानकारी दी। फिर अंबिकापुर के फिजा एसोसिएशन की संचालिका फरीदा खान ने भी तारकेश से संपर्क किया और बताया कि उनकी मां रतलाम के वृद्धाश्रम में रह रही है। तारकेश हैरान रह गया कि उसकी मां रतलाम कैसे पहुंच गई।
उसकी मां के संबंध में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता फरीदा खान ने तारकेश के रतलाम जाने की सलाह दी। इस पर उसने आर्थिक तंगी का हवाला देकर तत्काल रतलाम जाने में असमर्थता जताई। इस पर फरीदा खान ने उसके रतलाम जाने-आने की व्यवस्था करने की बात कही। बुधवार की रात वह रतलाम पहुंचा।
इस बीच फरीदा खान रतलाम के सामाजिक कार्यकर्ताओं के संपर्क में रही। मंगलवार की शाम तारकेश अपनी मां को ट्रेन में लेकर बिलासपुर के लिए रवाना हो गया । दोनों मां-बेटा शुक्रवार की शाम शहर पहुंचेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के समन्वय से मिल सके मां-बेटा
अंबिकापुर की सामाजिक कार्यकर्ता फरीदा खान ने बताया कि रतलाम में एनजीओ चलाने वाली शबाना खान उनकी पूर्व परिचित हैं। उन्होंने जानकारी दी थी कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के अकलतरी निवासी सूरजा बाई पति स्व. नंदकीराम यहां भटककर आ गई है और वृद्धाश्रम में रह रही हैं। इस पर फरीदा खान ने महिला व उसके परिजन की पतासाजी करने की बात कही और उनकी तस्वीर व डिटेल लेकर सोशल मीडिया में वायरल किया। जिसे देखकर देवेंद्र पांडेय ने महिला की पहचान की और उनके बेटे तारकेश से संपर्क किया।
रंग लाई वेलफेयर सोसायटी की मेहनत दीपावली के पहले सूरजाबाई वृद्धाश्रम में रह रही थी। रत्नपुरी सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा वृद्धाश्रम में दीपावली मिलन समारोह रखने पर मुख्य अतिथि डीएसपी भूपेंद्रसिंह राठौर, सोसायटी अध्यक्ष प्रमोद वोरा, सोसायटी प्रभारी शबाना खान ने देखा कि एक महिला दुखी बैठी थी।
वृद्धाश्रम संचालक लोकेश से डीएसपी ने जानकारी ली तो बताया कि वह अपने परिवार के बारे में कुछ नहीं बता रही है। डीएसपी ने सोसायटी प्रभारी शबाना से कहा कि वह महिला की देखरेख कर परिवार तक पहुंचाने की कोशिश करें। दीपावली के दूसरे दिन वृद्धाश्रम से शबाना को फोन पर बताया गया कि महिला खाना नहीं खाकर रो रही है।
उन्होंने संचालक लोकेश के साथ समझाने की कोशिश की। धीरे-धीरे चर्चा में उसने अपना नाम सूरजाबाई पति नंदकीराम ढीमर बताया और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर क्षेत्र के अकलतरी गांव की जानकारी दी।