दमोह के देहात थाना में पदस्थ वरिष्ठ आरक्षक ने पानी में घंटों योग करने के अपने हुनर से प्रदेश में अलग ही पहचान बना ली है।
आरक्षक बीडी दाहिया का कहना है कि योग के अनेक फायदे हैं ये सभी जानते हैं। वह भी योग करते थे, लेकिन उन्होंने देखा कि जमीन पर तो सभी योग करते हैं, इसलिए कुछ अलग किया जाए ।
करीब दस साल पहले उन्होंने पानी में योग करने का प्रयास किया और वे सफल हो गए। तब से लेकर अब तक अनेक बार वह कुआं, तालाब और नदियों में योग मुद्राएं कर चुके हैं।
योग दिवस के मौके पर वह फिर कुएं में योग क्रियाएं करेंगे। दाहिया ने बताया कि पानी में योग करने के लिए सबसे पहले तैराकी आनी चाहिए, इसके बाद ही आप योग करने का प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने काफी प्रयास किया और अब उनके लिए ये आसान लगने लगा है।
संतों को भी छोड़ा पीछे
उन्होंने बताया कि 2014 में कुंभ में पानी में योग करने की प्रतियोगिता की गई थी, जिसमें वह भी शामिल हुए थे। उन्होंने वहां दो घंटा 20 मिनट पानी में योग करने का रिकॉर्ड बनाया था। वहां कई संतों ने भी अपनी योग विद्या का प्रदर्शन किया था, लेकिन उनके बराबर समय तक कोई भी पानी में नहीं रह पाया।
2015 में भेड़ाघाट में भी योग क्रिया कर चुके हैं। यहां पर उन्होंने पद्मासन मुद्रा में करीब सात किमी तक नदी में सफर किया था। इतना ही नहीं अथाह गहरे भीम कुंड में भी वह एक घंटा 20 मिनट तक योग क्रिया कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि पानी की सतह पर रहकर वह योग से जुड़े अनेक आसान कर लेते हैं।
कई को डूबने से बचाया
दाहिया तैराकी भी अच्छी कर लेते हैं। पानी में डूबते लोगों को कई बार बचाया है। उन्हें मप्र राज्य वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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