अमृतसर : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब चुनाव के लिए कमर कसकर तैयारी कर ली है। कभी वे टाॅक टू एके जैसे कार्यक्रम आयोजित कर देशभर में सुर्खियां बना रहे हैं तो कहीं स्वर्ण मंदिर गुरूद्वारे में बर्तनों को धोकर सेवा कार्य किया, लेकिन इस दौरान केजरीवाल नए विवादों में घिर गए है। दरअसल सीएम केजरीवाल ने गुरूद्वारे में बर्तन साफ करने की सेवा देने के दौरान पहले से ही साफ बर्तनों को धोया। अब इस मामले में विवाद होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
सीएम, दिल्ली केजरीवाल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भूल के कारण माफी मांगने पहुंचे थे। ऐसे में उन्होंने वहां पर माथा टेका। इस दौरान वे गुरूद्वारे में पहुंचे और उन्होंने बर्तनों को साफ भी किया। दरअसल केजरीवाल ने सिख धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर हुए विवाद से बचने के लिए यहां का रूख किया। उन्होंने यूथ मेनिफेस्टो पर श्री दरबार साहिब की तस्वीर के सामने झाडू लगाने और मैनिफेस्टो की तुलना श्री गुरू ग्रंथ साहिब और श्रीमदभागवत गीता से करने की बेअदबी से बचने के लिए इस तरह का एक कदम उठाया।
केजरीवाल के इस सेवा स्टंट को लेकर राजनीतिक विवाद
इस दौरान वे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले, और उन्होंने बर्तनों को साफ किया। मगर साफ बर्तनों को धोया। ऐसे में साफ बर्तनों को धोने के कारण वे फिर विवाद में घिर सकते हैं। सीएम केजरीवाल के इस सेवा स्टंट को लेकर राजनीतिक विवाद होने की संभावना भी है। ऐसे में वे क्या सफाई देते हैं यह भी एक प्रश्न है।
स्वर्ण मंदिर जाने से पहले सीएम केजरीवाल का विरोध भी हुआ। धर्म जागरण समन्वय मंच द्वारा प्रदेश सह संयोजक दिनेश शर्मा और संत समाज के नेतृत्व में एयरपोर्ट रोड पर केजरीवाल को काली झंडी दिखाई गईं। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से खदेड़ते हुए सीएम केजरीवाल की गाड़ियों के काफिले को आगे निकाल दिया।
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