ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर अधिक रहता है। साथ ही नकारात्मक शक्तियां भी प्रभावी हो जाती हैं। अतः ग्रहण के दौरान अशुभ जगहों पर न जाने की सलाह दी जाती है। अनदेखी करने से सेहत पर व्यापक और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा ग्रहण के दौरान कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
सनातन पंचांग के अनुसार, 08 अप्रैल को चैत्र अमावस्या है। यह दिन खगोलीय दृष्टिकोण से बेहद खास है। इस दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा। ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य या चंद्र ग्रहण के दौरान राहु का प्रभाव पृथ्वी पर अधिक रहता है। साथ ही नकारात्मक शक्तियां भी प्रभावी हो जाती हैं। अतः ग्रहण के दौरान अशुभ जगहों पर न जाने की सलाह दी जाती है। अनदेखी करने से सेहत पर व्यापक और प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान कई अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
इन बातों का रखें ध्यान
- सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन न पकाएं और न ही प्राप्त करें। इस समय राहु के प्रभाव के चलते भोजन दूषित हो जाता है। अतः सूर्य ग्रहण के समय भूलकर भी भोजन न करें। इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
- सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं। अतः ग्रहण के समय भूलकर भी प्रतिमा को स्पर्श न करें और न ही पूजा करें। अनदेखी करने से व्यक्ति को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है।
- सूर्य ग्रहण के समय भूलकर भी रतिक्रिया में व्यस्त न रहें। ऐसा करना शुभ नहीं होता है। इस समय में गर्भ धारण करने से संतान के दिव्यांग पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही जातक पाप के भी भागीदार होते हैं।
- शास्त्रों में निहित है कि ग्रहण के समय किसी भी व्यक्ति का दिल न दुखाएं। अगर अनजाने में किसी का दिल दुखा देते हैं, तो क्षमा याचना कर लें। साथ ही परिवार में भी शोर-गुल न करें। अनदेखी करने से व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
- धर्म पंडितों की मानें तो ग्रहण के समय कोई भी नुकीली चीजें अपने पास न रखें। इससे मन में नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा, तुलसी, पीपल व बरगद के पेड़ का स्पर्श न करें।