बीजेपी की सहयोगी जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार शाम को दिल्ली पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के बीच बिहार की सीटों पर बंटवारे को नीतीश कुमार अंतिम रूप दे सकते हैं.
जेडीयू सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया नीतीश कुमार दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ शुक्रवार को मुलाकात कर सीटों के बंटवारे पर चर्चा कर सकते हैं. नीतीश कुमार के साथ जेडीयू के नए उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी दिल्ली पहुंचे है.
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें हैं. 50-50 सीटों के शेयर फॉर्मूले के तहत जेडीयू को 17 और बीजेपी को 17 सीटें मिल सकती है. बाकी बची 6 लोकसभा सीटों को रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के बीच विभाजित की जा सकती है. पासवान की एलजेपी को चार और कुशवाहा की आरएलएसपी को 2 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं.
हालांकि एलजेपी और आरएलएसपी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि 2014 में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ी थी, उससे कम पर कोई समझौता नहीं करेंगी. 2014 में बीजेपी, एलजेपी और आरएलएसपी ने मिलकर चुनाव लड़ी थी. उस समय जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं थी.
2014 के लोकसभा चुनवा में एलजेपी को सात सीटें मिली थी, जिनमें से 6 सीटें जीती थी. जबकि आरएलएसपी को 3 सीटें मिली थी और उसने तीनों सीट पर जीत हासिल की थी. एनडीए के ये दोनों छोटे सहयोगी इस बार ज्यादा सीटें मांग रहे हैं. इसी का नतीजा है कि बिहार में एनडीए के बीच अभी तक सीटों का फॉर्मूला तय नहीं हो सका है.