सीएम योगी ने 8 बार कहा ‘मोदी है तो मुमकिन है’, तो क्या फिर चमकेगा ब्रांड मोदी

सीएम योगी ने 8 बार कहा ‘मोदी है तो मुमकिन है’, तो क्या फिर चमकेगा ब्रांड मोदी

गाजियाबाद की धरती से पूरे पश्चिम को साधने आए पीएम मोदी और सीएम योगी 2019 चुनाव से पूर्व ब्रांड मोदी बनाने की भी शुरुआत कर गए। योगी ने पूर्व की सरकारों को नाकाम बताते हुए नारा दिया ‘मोदी है तो मुमकिन है’। इसके बाद प्रधानमंत्री भी नहीं रुके और 26/11 हमले का जिक्र करते हुए तत्कालीन सरकार पर जवाब न देने का आरोप लगाया। साथ ही हाल ही में हुई सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का हवाला देते हुए कहा कि मोदी है तो मुमकिन है। साफ हो गया कि 2014 में अबकी बार योगी सरकार के नारे के स्थान पर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का नारा एक बार फिर 2019 में ब्रांड मोदी का निर्माण करेगा।सीएम योगी ने 8 बार कहा ‘मोदी है तो मुमकिन है’, तो क्या फिर चमकेगा ब्रांड मोदी

योगी ने आठ बार कहा, मोदी है तो मुमकिन है

हिंडन एयरपोर्ट, मेट्रो और अन्य परियोजनाओं के उद्घाटन स्थल पर पीएम मोदी के भाषण से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक पूर्व की सरकारें थीं जो किसानों का ख्याल नहीं रख सकती थीं। वर्तमान सरकार ने किसान सम्मान योजना शुरू की क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है। पूर्व की सरकारें सोच भी नहीं सकती थीं कि गरीबों को घर दिया जा सकता है, लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना ने लाखों गरीबों की सिर पर छत दी है, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है। पूर्व की सरकारों ने सोचा भी नहीं कि महिलाओं और कामगारों को सम्मान मिल सकता है लेकिन मोदी है तो मुमकिन है। योगी ने आठ बार कहा कि मोदी है तो मुमकिन है और लोग उनके पीछे दोहराते दिखे।

अबकी बार मोदी सरकार को पीछे छोड़ा

मोदी और योगी के पहुंचने से पूर्व कई कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए कि अबकी बार फिर मोदी सरकार, लेकिन योगी ने भाषण शुरू करते ही 2014 लोकसभा चुनाव के इस नारे को पीछे छोड़ दिया। उन्होंने गाजियाबाद की इस जमीन से मोदी है तो मुमकिन का नारा दिया और लोगों ने भी हाथों-हाथ उनके पीछे नारा दोहराया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने भाषण के दौरान जब कहा मोदी है तो मुमकिन है तब लोगों ने उनके पीछे लगातार मोदी-मोदी और मोदी है तो मुमकिन है का नारा लगाया।

करोड़ के प्रोजेक्ट का मोदी ने किया शिलान्यास 2024 तक होगा पूरा

रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के पहले चरण में दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के निर्माण का आगाज शुक्रवार को हो गया। पीएम मोदी ने सिकंदरपुर में जनसभा के दौरान इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। जिसे 2024 तक पूरा किया जाएगा। 82 किलोमीटर के कॉरिडोर को बनाने में 30 हजार 274 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये अपनी तरह का पहला रेल कॉरिडोर होगा। इस पर दिल्ली-मेरठ के बीच रैपिड रेल के साथ ही मेरठ में मेट्रो चलेगी। तीन स्टेशन दिल्ली, सात गाजियाबाद और मेरठ में 12 स्टेशन बनेंगे। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) परियोजना का निर्माण करेगा। शिलान्यास के बाद नरेंद्र मोदी ने कहा, देश में नेक्स्ट जेनरेशन अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देते हुए शुक्रवार दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का शिलान्यास किया गया है। यह देश का पहला आरआरटीएस होगा। इसमें रैपिड रेल और मेट्रो दोनों ही ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली से मेरठ एक घंटे में पहुंचा जा सकेगा। सराय कालेखां से शुरू होकर मेरठ तक रैपिड रेल कॉरिडोर बनाया जाएगा। एक से दूसरे कॉरिडोर पर जाने के लिए रैपिड रेल बदलनी नहीं होगी।

प्रधानमंत्री के साथ मेट्रो में किया सफर

शहीद स्थल न्यू बस अड्डा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाई। यहीं से वह दिल्ली आइएसबीटी मेट्रो में रवाना हुए। किसी बाहर व्यक्ति को मेट्रो के प्लेटफार्म तक नहीं जाने दिया गया। केवल उनकी सिक्योरिटी उनके साथ मेट्रो रेल में सवार हुई। मेट्रो में प्रधानमंत्री एक बच्चे को पुचकारते हुए नजर आए। लोग उनके साथ सेल्फी लेते दिखाई दिए। जनता के लिए शनिवार से इस कॉरिडोर पर मेट्रो सेवा शुरू होगी।

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