सिग्नल के भिखारी भी पहचानते थे श्रीदेवी की कार, ये थी वजह

सिग्नल के भिखारी भी पहचानते थे श्रीदेवी की कार, ये थी वजह

फिल्मी पर्दे पर अपनी खूबसूरती से सभी को दीवाना बनाने वालीं बॉलीवुड की ‘चांदनी’ श्रीदेवी अब इस दुनिया में नहीं हैं. दुबई में निधन के बाद 28 फरवरी को मुंबई में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया था. श्रीदेवी को करीब से देखने-जानने वाले उनके बारे में नए-नए खुलासे कर रहे हैं. सीनियर जर्नलिस्ट जयप्रकाश चौकसे ने भी हाल ही में श्रीदेवी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां एक टीवी इंटरव्यू में साझा की हैं. उन्होंने बताया कि मुंबई के भिखारी भी श्रीदेवी की कार पहचानते थे. सिग्नल के भिखारी भी पहचानते थे श्रीदेवी की कार, ये थी वजह

चौकसे के मुताबिक एक दिन बोनी कपूर से मुलाकात करने मैं उनके घर गया था. देर शाम वापसी के दौरान मुझे एयरपोर्ट पहुंचना था. इत्तेफाक से उस दिन बोनी की कार खराब थी, तो श्रीदेवी ने अपनी कार ऑफर की और ड्राइवर को मुझे एयरपोर्ट छोड़ने को बोला.

जैसे ही कार श्रीदेवी के आवास के आस-पास किसी सिग्नल पर रुकती तो वहां किन्नर और भिखारी कार घेर लेते. फिर मुझे कार में बैठा देख हैरान होते. ऐसा कई बार हुआ, उनकी बातचीत से मुझे मालूम चला कि श्रीदेवी हमेशा इन लोगों से मिलती थीं और पैसे दिया करती थीं. श्रीदेवी को उन लोगों से लगाव था. वो उनके लिए बेहद सहानुभूति रखती थीं. वो इन लोगों को देने के लिए खूब ढेर सारे खुले पैसे रखती थीं.

बता दें कि दुबई के एक होटल में बाथटब में डूबने से श्रीदेवी की मौत हो गई थी. घटना 24 फरवरी की है.

श्रीदेवी एक रिश्तेदार की शादी समारोह के लिए परिवार के साथ दुबई गई थीं. उनके साथ पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी भी गई थीं. जाह्नवी फिल्म की शूटिंग की वजह से वहां जा नहीं पाई थी. हालांकि शादी के बाद बोनी और खुशी मुंबई लौट आए थे पर श्रीदेवी बेटियों की शॉपिंग और दूसरे काम के लिए कुछ दिन वहीं रुक गईं.

निधन के बाद जांच और तमाम औपचारिकताओं की वजह से श्रीदेवी की पार्थिव देह दो दिन बाद मुंबई लाई जा सकी. 28 फरवरी को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया.

बोनी कपूर 24 फरवरी को दुबई पहुंचे थे. उनका मकसद श्रीदेवी को सरप्राइज देना था. उसी शाम डिनर पर जाने से पहले ये हादसा हो गया.

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