एंड्रॉयड में जरूरत नहीं : एंड्रॉयड और आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) में सैद्धांतिक रूप से एंटी वायरस सॉफ्टवेयर की कोई जरूरत नहीं होती है। यह यूनिक्स आधारित सिस्टम है जो खुद ब खुद संक्रमित नहीं हो सकता है। एंटी वायरस एप हमेशा वायरस नहीं खोजता है बल्कि इसके अन्य इस्तेमाल भी हैं, जिसमें कैशे क्लीनिंग शामिल है। फोन में मौजूद कोई एप जानकारी में सेंध लगा रहा है तो एंटी वाaयरस उसकी जानकारी प्राथमिक अवस्था में ही दे देता है। इसके अलावा कोई एप छिपकर फोन का डाटा चुरा रहा है तो एंटी वायरस तुरंत उसकी जानकारी यूजर को नोटिफिकेशन के माध्यम से देते हैं।
अलग से होती है एप की परत : स्मार्टफोन का अपना एक सैंडबॉक्स डिजाइन होता है, जिसमें खुद की एप लेयर होती है। इस परत का निर्माण ऐसे किया जाता है ताकि उस पर आसानी से हमला नहीं किया जा सके। साथ ही ओएस निर्माता कंपनी ओएस का अपडेट जारी करती है ताकि वह सुरक्षा को पुख्ता कर सकें।
बेकार नहीं है एंटी वायरस एप : एथीकल हैकर आशीष सिंह के मुताबिक, एक यूजर सिर्फ एक बुरा एप डाउनलोड नहीं करता है बल्कि उसे फोन में चलाते भी हैं। ऐसे में स्मार्टफोन को प्रभावित होने से बचाना काफी मुश्किल हो जाता है। हालांकि एंटी वायरस कोई पूर्ण समाधान नहीं है लेकिन इसे खराब भी नहीं कहा जा सकता है। आशीष सिंह बताते हैं कि एप्पल के आईओएस का डिजाइन ऐसे किया जाता है कि आईफोन में मौजूद एप फोन के कोर सिस्टम को इस्तेमाल नहीं कर पाएं। इससे वायरस फोन पर हमला नहीं कर सकते हैं। साथ ही एप्पल अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद एप को खुद जांचता रहता है। थर्ड पार्टी स्टोर से न करें एंटीवायरस एप डाउनलोड विशेषज्ञों के अनुसार थर्ड पार्टी एप स्टोर से एंटीवायरस एप डाउनलोड नहीं करने चाहिए। इनसे आपके फोन को नुकसान होगा। गूगल प्ले स्टोर में भी कई ऐसे एप हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यह हैं शीर्ष एंटीवायरस एप
1. वी 3 मोबाइल सिक्युरिटी 3.1
2. एवीएल
3. अवास्ट मोबाइल सिक्युरिटी
4. एवीजी एंटीवायरस अविरा एंटीवायरस
5. बिटडिफेंडर मोबाइल सिक्युरिटी
6. चीता मोबाइल सिक्युरिटी मास्टर
7. एफ-सिक्युर मोबाइल सिक्युरिटी
8. जी डाटा इंटरनेट सिक्युरिटी
9. गूगल प्ले प्रोटेक्ट (एंड्रायड फोन में इनबिल्ट होते हैं)
10.इकारस मोबाइल सिक्युरिटी