पूरी राजधानी गलन भरी ठंड और कोहरे की चपेट में है। बीती रात कोहरे में घिरा शहर सुबह 11 बजे तक कोहरे की चाहर में लिपटा रहा। थोड़ी देरे के लिए सूरज के दर्शन जरूर हुए, लेकिन उनके जाते ही कंपकंपी और बढ़ गई। शाम होते-होते कोहरा इतना घना हो गया मानो राजधानी उसमें गुम हो गई। दृश्यता शून्य से 20 मीटर तक रह गई।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बाद वायुमंडल में अचानक आर्द्रता बढ़ी तो कोहरे ने भी असर दिखा दिया। स्थिति ऐसी थी कि सुबह 50 फीट की दूरी तक भी मुश्किल से दिखाई दे रहा था। दोपहर 12 बजे के बाद ही दृश्यता 100 मीटर से ऊपर पहुंचा। मौसम विभाग की मानें तो कोहरा इसी तेवर के साथ नए साल का स्वागत करेगा। दोपहर करीब एक बजे धून निकली भी तो हवा के झोंके और धुंध से सिहरन कम नहीं हुई। अधिकतम पारा 24 घंटों में 2.3 डिग्री सेल्सियस लुढ़ककर सामान्य से 3 डिग्री गिरकर 19.5 डिग्री तक जा पहुंचा। न्यूनतम पारा भी लुढ़क गया।
शहर में कोहरे का असर ऐसा था मानों लोग बादलों के शहर में हों। सुबह 11 बजे भी सड़कों पर गाड़ियां रेंगती नजर आईं। दोपहर में भी हेडलाइट्स जलतीं रहीं। रात में तो खैर चलना ही मुश्किल था। रात में तो गाड़ियों की लाइट ऐसी लगी रही थी मानों सड़कों पर तारे टिमटिमा रहे हों।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने कहा कि पहाड़ों में बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद से वायुमंडल में आर्द्रता स्तर अचानक से बढ़ा है। इसके चलते सुबह और शाम को कोहरे की आमद रहेगी। लखनऊ और आसपास के इलाकों में रात के समय कोहरा घना रहेगा। दिन की शुरुआत कोहरे से होगी। शाम को पारा गिरेगा, रात को गलन रहेगी।
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