SP से निकाले गएमुख्मंत्री अखिलेश यादव को कांग्रेस समर्थन दे सकती है।
टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस व कुछ अन्य निर्दलीय विधायक विधानसभा में बहुमत परीक्षण होने की सूरत में अखिलेश के पक्ष में वोटिंग करेंगे। हलांकि इस संबंध में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।हालांकि राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि वह मामले पर नजर रखे हुए हैं। नाईक के अनुसार,’यह पार्टी का आंतरिक मामला है, संवैधानिक संकट नहीं है।’ अब जब चुनाव एकदम सिर पर हैं और समाजवादी पार्टी में टूट हो चुकी है। मुलायम सिंह यादव ने छह साल के लिए अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को सपा से निकाल दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ यूपी चुनावों के लिए गठजोड़ कर सकते हैं। लखनऊ के सियासी गलियारे में इस बात की जोरदार चर्चा है कि अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकते हैं। कांग्रेस और सपा के सूत्र बताते हैं कि इसके लिए दोनों नेताओं के बीच गुप्त बातचीत हो रही है।
अखिलेश यादव पहले से ही कहते रहे हैं कि चुनाव बाद उनकी ही सरकार बनने जा रही है। वे 300 सीटों पर जीत रहे हैं। लगे हाथ वे यह भी कहते रहे हैं कि अगर कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए तो जीत का आंकड़ा कहीं ज्यादा होगा। अखिलेश यादव शुरु से ही कांग्रेस से गठबंधन के हिमायती रहे हैं लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव कई मौकों पर कह चुके हैं कि साइकिल अकेले ही मंजिल तय करेगी। मुलायम का कहना है कि समाजवादी पार्टी किसी से गठजोड़ नहीं करेगी। मुलायम और अखिलेश उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर आमने-सामने थे। अखिलेश को अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने के बाद मुलायम ने कहा कि यह फैसला पार्टी के भले के लिए लिया गया है। मुलायम ने कहा, ‘मैंने अकेले ही पार्टी बनाई थी, इनका क्या योगदान है? राम गोपाल और अखिलेश यादव पार्टी खत्म कर रहे हैं।’ मुलायम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए रामगोपाल ने कहा कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से पार्टी से बाहर निकाला गया है।
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