क्रिकेट को अलविदा कहने वाले पूर्व भारतीय ओपनर गौतम गंभीर ने कहा है कि एक खिलाड़ी के लिए दबाव झेलने और बुरे दौर से बाहर निकलने के लिए सबसे मुख्य चीज यह है कि अवसर को खुद पर हावी न होने दिया जाए. उल्लेखनीय है कि गंभीर 2007 टी-20 विश्व कप टीम में शामिल थे और चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में शीर्ष स्कोरर वही थे.

यह पूछे जाने पर कि वे विश्व कप फाइनल्स के लिए तैयारी कैसे करते थे, इस पर गंभीर ने कहा कि सबसे मुख्य चीज है कि अवसर के बारे में सोचा न जाए. आप अवसरों को कभी खुद पर हावी नहीं होने दे सकते, यह मुकाबला तब भी गेंद और बल्ले के बीच ही रहता है, फिर चाहे वह विश्व कप का फाइनल हो या फिर कोई अन्य मैच.
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भारत के लिए 58 टेस्ट और 147 वनडे मुक़ाबले खेल चुके गंभीर ने कहा कि, ‘यह मानना बहुत मुश्किल है कि यह क्रिकेट का कोई अन्य मुकाबला होगा, किन्तु एक खिलाड़ी को बस यही सोचना चाहिए, इसी तरह मैंने तैयारी की है. वैसे भी मुकाबला विश्व कप का फाइनल नहीं है बल्कि मुकाबला गेंदबाज और बल्लेबाज का है. इसलिए खिलाड़ी को बस यह सोचना चाहिए कि मैं खेल रहा हूं और मुझे अगली गेंद खेलना होगा और इस गेंद पर मैं जो कुछ कर सकता हूं, उसके लिए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा.
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