संतोषी माता की आराधना करने से बन जाते हैं बिगड़े काम

शुक्रवार का व्रत मूलतः माता की आराधना के लिए होता है। इस दिन देवी शक्ति का कई रूपों में पूजन किया जाता है। माता को संतोषी मां के स्वरूप में और मां वैभव लक्ष्मी व्रत आराधना के तौर पर किया जाता है। तीनों व्रतों की विधियां अलग होती हैं।

शुक्रवार की आराधना से आराधक को पुत्र, पौत्र, धन- धान्य, सुख, समृद्धि की प्राप्ति होती है। यही नहीं माता की आराधना के लिए प्रातः स्नान, पूजन करने के बाद मां संतोषी के चित्र को नमन करें, इसके बाद धूप, दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद माता की संतोषी व्रत कथा की पुस्तक पढ़ें साथ ही माता को गुड़, चने का भोग लगाऐं।

यही नहीं माता को सोलह श्रृंगार की सामग्री भी अर्पित करें। दूसरी ओर जब कलश स्थापना की जाए तो पूजन के बाद कलश के जल को घर में यहां वहां छिड़क दें। इससे घर में बरकत रहती है। यही नहीं माता की लगातार 16 शक्रवार व्रत आराधा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। संतोषी माता की आराधना करने से परीक्षा मं सफलता मिलती है, शत्रुओं का नाश होता है, जल्द विवाह होता है और सभी काम बन जाते हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com