नोएडा: उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल ने प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों और बीमा कंपनियों के यूजर डेटाबेस को हैक करने वाले करीब 100 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने बताया कि गिरोह ने डेटा बेचने को अपना व्यापार बना लिया था और कॉल सेंटर संचालकों से प्रति डेटा 10 रुपये शुल्क वसूलते थे.
पुलिस ने बताया कि उप्र एसटीएफ ( साईबर शाखा) ने 100 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने प्रमुख ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल और बीमा कंपनियों के यूजर डेटाबेस को हैक कर उनतक पहुंच बनाई. पुलिस ने बताया कि यह गिरोह पूरे एनसीआर में फैला हुआ था. सिंह ने कहा, आगे और छापेमारी और कार्रवाई जारी है और अधिक गिरफ्तारियों की उम्मीद है. हमने कंपनियों से हैक किए गए डेटा के विवरण उपलब्ध कराने की अपील की है.
कॉल सेंटरों पर छापेमारी के बाद एसटीएफ ने दो लाख डाटा जब्त किए है. जब्त किए गए डाटा का एसटीएफ फारेंसिक आडिट कराएगी. बैंक में फर्जी अकाउंट कैसे खेले गए और अकाउंट खोलने में बैंक कर्मचारियों की क्या भूमिका है इसकी भी जांच होगी. साथ ही डाटा ब्रीच के संबंध में इंश्योरेंस व ई कॉमर्स कंपनी के इनफार्मेशन सिक्योरिटी पालिसी की भी जांच होगी.
कस्टमर का डाटा बेचने में कंपनी के कर्मचारी ही खेल करते हैं. चोरी छिपे डाटा को कॉल सेंटर को बेच कर मोटा मुनाफा कमाया जाता है. सूत्रों की मानें तो फर्जी सिम और बैंक अकाउंट देने वालों का भी जाल है. जिनके द्वारा फर्जीवाड़े में लगे लोगों को बल्क में सिम व बैंक अकाउंट मुहैया कराए जाते हैं.