NASA ने एक एनिमेटेड वीडियो जारी कर कैसिनी के खत्म होने की जानकारी दी। वीडियो में दिखाया गया कि किस तरह आखिरी कुछ मिनटों में कैसिनी 77,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से शनि ग्रह में समा गया। कैसिनी के प्रोग्रामिंग मैनेजर अर्ल मेइजी ने घोषणा करते हुए कहा कि बधाई हो कैसिनी से संपर्क टूट चुका है, यह एक अविश्वसनीय मिशन और अविश्वसनीय अंतरिक्ष यान रहा है। कैसिनी 13 साल शनि ग्रह में रहा और दो दशकों तक अंतरिक्ष में रहा, कैसिनी ने चक्रीय ग्रह और चंद्रमाओं के प्रति हमारी समझ को बदल दिया।
कैसिनी के प्रोग्रामिंग मैनेजर ने बताया कि कैसिनी ने गैस की विशाल तूफानों को देखा है, अपनी अंगूठी प्रणाली को आश्चर्यजनक विस्तार में दर्ज किया है, और शनि की चन्द्रमाओं की संभावित आबादी पर अविश्वसनीय नई जानकारी दी है।
बता दें कैसिनी अंतरिक्ष यान को 1997 में छोड़ गया था। 2004 में यह सौरमंडल के दूसरे सबसे बड़े ग्रह शनि पर पहुंचा था। 2005 में यह शनि के सबसे बड़े चांद टाइटन पर उतरा था। कैसिनी अब तक 4 लाख 53 हजार से ज्यादा तस्वीरें ले चुका था और इसने कुल 4.9 अरब मील का सफर तय किया। यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान था जिसमें 27 देशों ने हिस्सा लिया था। इस अभियान पर 3.9 अरब डॉलर खर्च हुए।
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आपको बता दें कैसिनी मिशन की मियाद सिर्फ 4 साल तय की गई थी, लेकिन इसके अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए इस मिशन को 2 बार बढ़ाया गया। NASA के मुताबिक़ यदि कैसिनी को शनि की कक्षाओं में सुरक्षित रूप से नष्ट नहीं किया जाता, तो किसी भी दिन यह शनि के चंद्रमाओं से टकरा सकता था। इस अभियान के आखिरी दौर में कैसिनी ने शनि और उसके अन्य उपग्रहों के बीच पहला चक्कर अप्रैल के अंत में लगाया था। कैसिनी शनि गृह के इतने करीब जाने वाला पहला अंतरिक्ष यान है।
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कैसिनी के साथ भेजे गए 12 सूक्ष्म उपकरणों ने शनि व उसके सबसे बड़े उपग्रह टाइटन पर जानकारी समेटी और पृथ्वी पर भेजी। इनकी मदद से वैज्ञानिक यह पता लगाने में कामयाब हो सके कि शनि ग्रह पर मौसम कैसे बदलता है, ग्रह पर भयंकर तूफान कैसे आते हैं। NASA के मुताबिक शनि की कक्षा में प्रवेश करते ही कैसिनी ने गैस की पतली परत के बीच अपने एंटीना को पृथ्वी की तरफ सक्रिय बनाये रखने के लिए छोटे-छोटे विस्फोट किए। लेकिन जैसे-जैसे गैस की परत मोटी होती गई, इसमे अपनी पूरी क्षमता के साथ विस्फोट हुआ। कैसिनी के भेजे आखिरी संदेश ऑस्ट्रेलिया में NASA के एंटीना को मिला।
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