राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट 9 फरवरी को भरतपुर में किसान महापंचायत को संबोधित करेंगे. राजस्थान के राजनीतिक हलकों में सचिन पायलट के इस संबोधन को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राज्य के दौरे से पहले पायलट धड़े के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
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राहुल गांधी 12 और 13 फरवरी को राजस्थान में किसानों के समर्थन और नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में कई रैलियां करेंगे. पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुए विवाद के बाद राहुल गांधी का यह पहला राजस्थान दौरा है. इससे पहले सचिन पायलट ने राजस्थान के दौसा जिले में एक रैली को संबोधित किया था. भरतपुर-दौसा बेल्ट को गुर्जर समुदाय का गढ़ माना जाता है, जो पारंपरिक तौर से सचिन पायलट के समर्थक रहे हैं.
इससे पहले रविवार को राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि किसान अब सरकार से नाउम्मीद हो चुके हैं. सरकार को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा था, ‘किसान-मज़दूर के गांधी जयंती तक आंदोलन के निर्णय से उनके दृढ़ संकल्प के साथ ही ये भी साफ़ है कि वे मोदी सरकार से कितने नाउम्मीद हैं. अहंकार छोड़ो, सत्याग्रही किसानों की तकलीफ़ समझो और कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो.’
वहीं दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा. उनका कहना था कि बड़े काम में ज्यादा वक्त लगता है. पीएम मोदी के ‘एक कॉल दूर’ वाले बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि मेरे पास उनका नंबर नहीं है, उनके लिए मेरा नंबर पता करना आसान होगा.