उडुपी| विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर की मध्यस्थता कोशिश से खुद को अलग कर लिया और कहा कि उन्हें इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए.
विहिप महासचिव चंपत राय ने कहा कि रविशंकर ने हमसे इस मामले पर चर्चा नहीं की है. यदि वह मध्यस्थता कर रहे हैं तो वह अपने निजी स्तर पर कर रहे हैं. विहिप का उससे कोई लेना-देना नहीं है. राय देशभर के 2000 संतों, मठाधीशों और विहिप नेताओं के महासमागम ‘धर्मसंसद’ के पहले दिन उडुपी मे संवाददाताओं को ब्रीफ कर रहे थे.
राय ने कहा कि यदि रविशंकर हल तक पहुंचने में सफल होते हैं तो उन्हें इसे उच्चतम न्यायालय में पेश करना होगा जहां इसकी सुनवाई चल रही है. उन्होंने कहा कि यह चार-पांच पक्षों के बीच का विवाद नहीं है बल्कि दो समुदायों के बीच का विवाद है. बाद में उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर को रामजन्मभूमि विवाद में नहीं पड़ना चाहिए.
राय ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कभी श्री श्री के प्रयासों की प्रशंसा नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने उनकी आलोचना भी नहीं की. भागवतजी ने इस मंच से स्पष्ट रुप से कहा है कि श्री श्री ने रामजन्मभूमि मुद्दे पर मध्यस्थता के बारे में हमसे चर्चा नहीं की है. उन्होंने यह भी कहा कि जो भी इस मामले पर चर्चा करेगा, उसे हमारे (धर्मसंसद के)पास आना होगा.
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