बिहार के रहने वाले विशाल ने यूपीएसएसी सिविल सेवा में सफलता हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर दिया है। सिविल सेवा जो कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। इसके लिए युवा कड़ी मेहनत करते हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरफ से हर साल सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। सिविल सेवा जो कि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है इसे सबसे कठिन परीक्षा भी माना जाता है।
इसके लिए युवा दिन-रात मेहनत कर सफलता के शिखर पर पहुंचने के इंतजार में रहते हैं। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे बिहार के रहने वाले विशाल के बारे में, जिन्होंने सभी परेशानियों को पीछे छोड़ते हुए परीक्षा में सफल होकर 484वां रैंक हासिल किया है।
विशाल बिहार में मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। 11वीं में साइंस स्ट्रीम लेने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग के लिए तैयारी की और फिर 2103 में IIT कानपुर में एडमिशन ले लिया। विशाल ने बीटेक में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है।
आर्थिक संकट के बीच हार नहीं मानी
विशाल के पिता की 2008 में मृत्यु हो गई, इसके बाद उन्होंने मजदूरी की तो वहीं उनकी मां ने आर्थिक संकट के बीच घर में बकरी व भैंस को पालकर घर का खर्च चलाया। खास बात ये रही कि विशाल ने ऐसे समय में भी हार नहीं मानी।
अपनी मेहनत के साथ पढ़ाई कर अपने माता पिता का नाम रोशन किया है। विशाल के पिता का हमेशा से सपना था कि वे आगे चलकर एक अच्छे अधिकारी बनें और देश की सेवा करें। ऐसे में फिर विशाल नें सिविल सेवाओं में जाने की ठानी और फिर सफलता भी प्राप्त की।
सिविल सेवा के लिए छोड़ी रिलायंस कंपनी की नौकरी
आईआईटी करने के बाद विशाल ने रिलायंस कंपनी में नौकरी हासिल कर ली। उनके ऊपर से आर्थिक परेशानी को बोझ कम तो हो गया लेकिन उनके दिमाग में पिता का सपना सच करने की बात घूमती रही। फिर इसके लिए उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी।
इसके लिए उन्होंने एनसीईआरटी के साथ स्टैंडर्ड पुस्तकों का अध्ययन किया। सही रणनीति बनाकर एग्जाम दिया। विशाल ने एग्जाम में 484 रैंक पाकर सफलता हासिल की। वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और टीचर गौरी शंकर को देते हैं।