भारतीय कप्तान विराट कोहली चोटिल होने के कारण इंग्लैंड दौरे से पहले काउंटी क्रिकेट में नहीं खेल पाए, लेकिन इस स्टार बल्लेबाज ने शुक्रवार को कहा कि इससे उन्हें फायदा ही हुआ। कोहली ने टीम के ब्रिटेन दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘यह मेरे लिए सबसे अच्छी चीज हुई। मैं वहां जाकर परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना चाहता था, क्योंकि वहां हमने बहुत अधिक मैच नहीं खेले हैं और हम चार साल बाद वहां खेलने जा रहे हैं। ऐसे में आप भूल जाते हो कि जब आप वहां आखिरी बार खेले थे तो परिस्थितियां कैसी थीं। मैं वहां 90 प्रतिशत की फिटनेस के साथ जाने के बजाय 110 प्रतिशत फिट होकर जाना चाहूंगा, जैसा कि अभी मैं महसूस कर रहा हूं। मुझे दौरे के लिए तरोताजा रहने की जरूरत है।
2014 दौरा नहीं रहा था खास
भारतीय टीम जब 2014 में इंग्लैंड दौरे पर गई थी तो कोहली का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था। जेम्स एंडरसन के सामने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों पर उनकी क्षमता पर सवाल उठाए गए और वह एक भी अर्धशतक नहीं जमा पाए थे। कोहली से पूछा गया कि क्या अब वह खुद को बेहतर बल्लेबाज मानते हैं तो उन्होंने 2014 दौरे का लगातार जिक्र किए जाने पर नाखुशी जताई। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कई लोगों को लंबे समय से इंग्लैंड के पिछले दौरे की ही याद है। मुझे लगता है कि इस बीच हम चैंपियंस ट्रॉफी (2017) में खेले थे और इसका आयोजन बांग्लादेश में नहीं किया गया था। ‘कोहली से जब इस दौरे में लक्ष्यों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड के पिछले दौरे में भी मुझसे यह सवाल किया गया था। मैंने कहा था कि मैं वहां के दौरे का लुत्फ उठाऊंगा। मैं जानता हूं कि जब मैं अपने रंग में होता हूं तो अच्छा खेलता हूं। मैं अन्य लोगों की तरह नहीं सोचता कि मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत है। मैं जानता हूं कि मुझे वहां कैसी चुनौती मिलेगी।’
विराट कोहली। फाइल फोटो
यो-यो टेस्ट पास करें, भारत के लिए खेलें
मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि आप यो-यो टेस्ट पास कीजिए और भारत के लिए खेलें। शास्त्री ने स्पष्ट किया कि यो-यो टेस्ट बरकरार रहेगा और भारतीय कप्तान कोहली ने भी कहा कि इसे भावुक होने के बजाय ‘कड़े फैसले’ के रूप में देखा जाना चाहिए, जिससे टीम को फायदा ही मिलेगा। हाल में आइपीएल के शीर्ष स्कोरर में शामिल अंबाती रायुडू 16.1 अंक जुटाने में असफल रहे थे, जबकि उन्होंने आइपीएल में 600 से ज्यादा रन जुटाए थे। इससे पहले चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष संदीप पाटिल ने इस नीतिगत फैसले पर खुले आम सवाल उठाए थे।
फिटनेस से कोई समझौता नहीं
शास्त्री से टीम की ब्रिटेन दौरे के लिए रवानगी से पहले मीडिया से मुखातिब सत्र में पूछा गया कि तो वह अपने जवाब में बिल्कुल स्पष्ट थे। शास्त्री ने चिर परिचित अंदाज में कहा, ‘आप के अंदर कुछ निश्चित काबिलियत है, लेकिन अगर आप फिट हैं तो आप इसमें निखार ला सकते हैं इसलिए हम यो-यो टेस्ट पर जोर देते हैं। अगर किसी को लगता है कि यह बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है तो यह उनकी भूल है। वह जा सकते हैं।’ साथ ही कोहली ने भी उदाहरण दिया कि यो-यो टेस्ट जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज के दमखम और सहनशक्ति को दर्शाने का सबूत है। कोहली ने कहा, ‘लोग शायद एक छोटी सी चीज नहीं देख पाते जो एक विशेष टेस्ट मैच के दौरान हुई थी, लेकिन मुझे लगता है कि इससे काफी अंतर पैदा होता है। बुमराह अंतिम टेस्ट के दौरान अपने आखिरी स्पैल में 144 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे और यहीं फिटनेस की असली परीक्षा होती है। जब आपके पास ऐसे लोग होते हैं जो फिट हैं, अच्छे प्रदर्शन के भूखे हैं और तैयार हैं तो आप सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं करते, बल्कि आप मैचों में जीत हासिल करते हो।