देहरादून: वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि प्रदेश सरकार रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा दे रही है। सरकार की प्राथमिकता 2022 तक सभी गांवों को सड़क से जोड़ना है। 2001 की जनगणना और 2011 की जनगणना से स्पष्ट हुआ है कि प्रदेश में रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है। सरकार इसके लिए लगातार प्रयासरत भी है।
शनिवार को वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने सोशल मीडिया में फेसबुक लाइव कार्यक्रम के माध्यम से अगले वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट को लेकर प्रदेशवासियों से सुझाव लिए। इस दौरान एक सुधी पाठक पंकज माहरा ने ट्विटर पर खबर ‘सड़क तब पहुंची जब आखिरी व्यक्ति ने भी छोड़ दिया गांव’ को टैग करते हुए पलायन के विषय पर सवाल किया।
इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा 2022 तक सभी गांवों तक सड़क पहुंचाने की है। इस दौरान तकरीबन 10335 लोग उनके सोशल मीडिया एकाउंट में सक्रिय दिखे। तकरीबन 2535 से अधिक सवाल किए गए। इनमें बेरोजगारी, पलायन, सड़क, सामाजिक सुरक्षा, महिला विकास, कृषि, गन्ना भुगतान व किसानों के हितों से संबंधित थे। इसके बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों की राय देख कर कहा जा सकता है कि विकेंद्रीकृत विकास के मॉडल की स्थापना आम जनता की मंशा है।
यही सरकार का संकल्प भी है। सरकार रोजगार मुहैया कराने को कृतसंकल्प है। बेरोजगारी, रिवर्स माइग्रेशन, स्वैच्छिक चकबंदी, सामूहिक खेती आदि पर सरकार फोकस कर रही है। सरकार का प्रयास अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाना है। सबको उचित, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली और रोजगार जैसे मूलभूत जरूरतों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
750 से दस हजार व्यू तक पहुंची संख्या
फेसबुक लाइव कार्यक्रम में दस हजार व्यू का अर्थ दस हजार लोगों ने इसे देखा भी, और इससे जुड़े भी। वित्त मंत्री की ओर से शुरू किए गए इस कार्यक्रम से जनता लगातार जुड़ रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहली बार जब वह फेसबुक लाइव पर आए तो 750 लोग उनसे जुड़े थे। दूसरी बार इसमें 1500 जुड़े। यह तीसरा कार्यक्रम था जिसे दस हजार से अधिक लोगों ने देखा और 2535 लोगों ने कार्यक्रम चलने तक सवाल पूछे। हालांकि, सवाल पूछने का सिलसिला शाम तक जारी था।
अधिकारी को काम करना ही पड़ेगा
वित्त व आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि काम की अधिकता के कारण आबकारी आयुक्त वी षणमुगम ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर की है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी आयुक्त से इस संबंध में कोई बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राज्य में अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती एक नियमित प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि यदि अभी भी कोई नया अधिकारी आएगा तो काम कर ही लेगा। जो अधिकारी है, उसे काम करना ही होगा।