बिजली मीटर में छेड़छाड़ के झूठे आरोप लगाकर अब उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना आसान नहीं होगा. जांच में होने वाली धांधली को रोकने के लिए मीटर टेस्ट लैब में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. कैमरों की निगरानी में ही मीटर की जांच की जाएगी. ताकि, लैब कर्मचारी किसी प्रकार की झूठी रिपोर्ट न बना सके. क्योंकि, ऐसा होने से बिजली उपभोक्ताओं को कई बार बेवजह हजारों रुपए शमन शुल्क और पेनॉल्टी देनी पड़ती है. लिहाजा, सीसीटीवी कैमरे लगने पर धांधली पर रोक लगेगी और बिजली उपभोक्ता कार्रवाई से बच सकेंगे.बना दी जाती है झूठी रिपोर्ट
अभी तक यह व्यवस्था है कि मीटर तेज भागने, मीटर खराब होने या अन्य किसी प्रकार की शिकायत पर मीटर जांच के लिए लैब लाया जाता है. मीटर जांच के लिए उपभोक्ताओं को एक निर्धारित डेट और समय दिया जाता है. उपभोक्ताओं के सामने ही मीटर की सील खोल कर जांच करने का नियम हैं, लेकिन लैब कर्मचारी उपभोक्ताओं के लैब पहुंचने से पहले ही मीटर खोल देते हैं, जिस पर काफी बवाल होता है. कई बार झूठी रिपोर्ट बना दी जाती है कि उपभोक्ता ने मीटर से छेड़छाड़ की है, जिसका कोई सुबूत नहीं होता है. लिहाजा, कार्रवाई के डर से उपभोक्ताओं को शमन शुल्क और पेनॉल्टी भरनी पड़ती है.