नई दिल्ली: त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद कम्युनिस्ट विचारक लेनिन की मूर्ति ढहाने का मामला गरमा गया है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मूर्ति ढहाने और राज्य में भड़की हिंसा के बीच राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा. बता दें कि वामपंथ के अगुवा माने जाने वाले लेनिन की प्रतिमा को ढहाने के बाद से यहां के 13 जिलों में हिंसा की आग फैल चुकी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह अधिकारीयों से जानकारी ली.
गृह मंत्रालय के अनुसार राजनाथ सिंह ने राज्यपाल और डीजीपी से हर तरह की हिंसा पर रोक लगाने और त्रिपुरा में नई सरकार के गठन तक शांति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. शनिवार को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच छिटपुट हिंसा और संघर्ष की खबरें सामने आनी शुरू हो गई थी. लेकिन लेनिन की प्रतिमा ढहाने के बाद मामला और भी गरमा गया.
लेनिन की मूर्ति ढहाने की घटना के बाद भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि वह हिंसा की कड़े शब्दों में अालोचना करते हैं. लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है. हम बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं, कोई पार्टी जीतती है, कोई हारती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लेनिन की मूर्ति ढहाने जैसी हरकत की जाए.
वहीं इस बारे में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है उससे स्पष्ट है कि संघ-भाजपा का रुझान क्या है. हिंसा के अलावा उनका राजनीतिक भविष्य कुछ है ही नहीं. त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी. गौरतलब हो कि विधानसभा चुनाव में त्रिपुरा में 25 साल के बाद सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. अपने गठबंधन सहयोगी आईपीएफटी के साथ मिल कर बीजेपी ने त्रिपुरा में दो तिहाई बहुमत हासिलकर वाम किला ध्वस्त कर दिया है.
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