लखीमपुर खीरी के तिकुनियां हिंसा कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा उर्फ मोनू इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से जमानत मिलने के बाद भी राहत नहीं है। आशीष मिश्रा को करीब चार महीने बाद जमानत मिली है, लेकिन अभी रिहाई नहीं हो सकती है।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा की रिहाई में पेंच फंसा है। इसको लेकर आशीष मिश्रा के वकील शुक्रवार को फिर कोर्ट पहुंचे हैं। लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा का बेल आर्डर लेकर वकील फिर कोर्ट में हैं। अभी मोनू की रिहाई में पेंच फंसा है। माना जा रहा है कि आशीष मिश्रा को अभी एक-दो दिन और लखीमपुर खीरी की जेल में ही रहना होगा। आशीष मिश्रा को गुरुवार को जो बेल आर्डर मिला है, उसमें हत्या और साजिश की धाराओं का जिक्र नहीं है। इसी कारण आशीष के वकील आज फिर कोर्ट पहुंचे हैं। अब मामले की सुनवाई होने तक आशीष को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। आशीष मिश्रा की तरफ से हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में ऑर्डर करेक्शन की अर्जी डाल दी गई है। अब इस पर सुनवाई होगी।
आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को तिकुनियां हिंसा कांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) की टीम ने बीते वर्ष नौ अक्टूबर को मिश्रा को गिरफ्तार किया था। आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि वह पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे। लखीमपुर खीरी के तिकुनियां क्षेत्र में तीन अकटूबर को उपद्रव के बाद हिंसा में मरने वालों में चार किसान थे, जिन्हें तेज रफ्तार एसयूवी से कुचल दिया गया था। इस घटना को कवर करने वाले एक पत्रकार की भी घटना में मौत हो गई। जवाबी हिंसा में भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए थे।