भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां 42 साल बाद लंदन से भारत लौटी हैं। असल में इन्हें ठीक 42 साल पहले 24 नवंबर, 1978 को तमिलनाडु के श्रीराजगोपाल मंदिर से चुरा लिया गया था और लंदन में बेचा गया था। जब भारत सरकार को इसकी जानकारी मिली तो लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने मामले में दखल दिया और इस वर्ष 15 सितंबर मूर्तियां उन्हें मिल गई। भारत सरकार के निर्देश पर इन्हें लंदन से दिल्ली लाया गया है। कांसे की बनी तीनों मूर्तियां इस समय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के पास हैं, जिन्हें बुधवार को तमिलनाडु प्रशासन को सौंपा जाएगा। भगवान की मूर्तियों को सौंपने के लिए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल खुद एएसआइ मुख्यालय पहुंचेंगे। इन मूर्तियों में भगवान राम की मूर्ति की लंबाई 90.5 सेंटीमीटर है। माता सीता की मूर्ति 74.5 सेंटीमीटर और लक्ष्मण की मूर्ति 78 सेंटीमीटर की है।
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद बड़े स्तर पर विदेश से धरोहरें लौटी हैं। 2015 में मोदी सरकार बनने के बाद से पिछले पांच साल में 32 मूर्तियां विदेश से वापस आई हैं। इसमें कुछ देशों ने वहां भारतीय दूतावास के अधिकारियों को बुलाकर मूर्तियां सौंपी हैं जो मूर्तियां वापस आई हैं उनमें मध्य प्रदेश से चोरी हुई पैरेट लेडी, जम्मू-कश्मीर से दुर्गा महिषासुरमर्दिनी, तमिलनाडु से चोरी हुई उमा परमेश्वरी, तमिलनाडु से चोरी हुई गणेश की प्रतिमा, श्री देवी, पार्वती, भूदेवी आदि की मूर्तियां भी शामिल हैं।
वापस आई मूर्तियां-
- संयुक्त राज्य अमेरिका-21
- ऑस्ट्रेलिया-6
- कनाडा-1
- जर्मनी-1
- सिंगापुर-1
- यूके- 2
इन राज्यों से चोरी हुई थीं मूर्तियां
- तमिलनाडु-10
- बंगाल-1
- आंध्र प्रदेश-4
- मध्य प्रदेश-1
- राजस्थान-2
- बिहार-1
- उत्तराखंड-1
- जम्मू कश्मीर-2
- उत्तर प्रदेश-1
- गुजरात-1