रेल मंत्री रहते हुए मंत्रालय के दो होटलों से जुड़े ठेके देने में धांधली के आरोपी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव और उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने समन जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीबीआई ने लालू यादव को पांच अक्टूबर को और तेजस्वी यादव को छह अक्टूबर को तलब किया है। इससे पहले लालू यादव और तेजस्वी यादव ने सीबीआई मुख्यालय आने में असमर्थता जतायी थी। लालू यादव पर यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान आईआरसीटीसी के दो होटलों का ठेका पटना के एक कारोबारी को देने और उसके बदले जमीन लेने का आरोप है। मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव के अलावा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी भी आरोपी हैं। यादव परिवार कि इन सदस्यों के समेत मामले मे कुल सात आरोपी हैं।
साल 2004 में रेलवे बोर्ड ने रेलवे के होटलों और खानपान सेवा का पूरा प्रबंधन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को सौंप दिया। आईआरसीटीसी को अगले साल बीएनआर होटलों का भी जिम्मा मिल गया। साल 2006 में बीएनआर के रांची और पुरी स्थित दो होटलों के रखरखाव का ठेका पटना के सुजाता होटल के मालिकों को मिला। जिस दिन सुजाता होटल को ये ठेका मिला उसी दिन उसके मालिकों ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को एक जमीन डेढ़ करोड़ रुपये में बेची। डिलाइट कंपनी की निदेशक सरला गुप्ता थीं। सरला गुप्ता पर साल 2010 से 2014 के बीच राबड़ी देवी और उनके बेटों के नाम जमीन-जायदाद ट्रांसफर करने का आरोप है।
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मामले में सीबीआई ने लालू यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के अलावा बीएनआर होटल के निदेशकों विजय कोच्चर और विनय कोच्चर, डिलाइट मार्केटिंग के निदेशक सरला गुप्ता (प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी), आईआरसीटीसी के प्रबंध निदेशक पीके गोयल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्रेमचंद गुप्ता लारा प्रोजेक्ट एलएलपी के मालिक हैं।