पाकिस्तानी रक्षा मंत्री खुर्म दस्तगीर खान ने कहा है कि वायु रक्षा प्रणाली, लड़ाकू विमानों और युद्ध टैंकों के अलावा सैन्य ढांचे के लिए पाकिस्तानकी रूस के साथ बातचीत चल रही थी। रूस की समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में खान ने क्रेमलिन (रूस) के साथ बढ़ते सहयोग के बारे में भी बात की, जो पाकिस्तान की व्यापक भू-रणनीतिक चिंताओं को दर्शाता है।
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान रूस से टी-90 टैंक भी खरीदना चाहता है और यह इस डील की साझेदारी लंबे वक्त के लिए होगी।
दक्षिण और सेंट्रल एशिया में सुरक्षा संबंधी विषयों पर बात करते हुए पाक रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और रूस दोनों ही देश एक स्थिर और लोकतांत्रिक अफगानिस्तान चाहते हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने व्यापक स्तर पर पैर पसारे हुए हैं। वह मुख्य रूप से वहां के शिया मुसलमानों को अपना निशाना बनाता रहा है। 
दुश्मन बने दोस्त 
एक वक्त था जब रूस और पाकिस्तान एक-दूसरे के दुश्मन थे, लेकिन बीते कुछ सालों में यह दुश्मनी दोस्ती में बदल रही है। सैन्य हथियारों और सहयोग को और विकसित करने के लिए अब रूस और पाकिस्तान एक-दूसरे के करीब आए हैं। 3-4 साल पहले रूस और पाकिस्तान के बीच डिफेंस सेक्टर में सहयोग को लेकर डील भी हुई थी, जिसके तहत वह रूस से फाइटर जैट और लड़ाकू विमान भी खरीदना चाहता था। 
देशों में हथियार खरीदने की होड़ 
एक तरफ जहां रूस और पाकिस्तान के बीच हथियारों की खरीद को लेकर समझौता हुआ, वहीं कई और देश ऐसे हैं, जिनके बीच हथियारों को खरीदने की होड़ लगी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पूरी दुनिया में हथियारों को सबसे बड़ा खरीददार है। सबसे ज्यादा मात्रा में वह रूस से हथियार खरीदता है। आंकड़ों के मुताबिक, दुनियाभर में जितने हथियार आयात होते हैं उनका 14 पर्सेंट भारत में आता है और यह चीन और रूस में आयात होने वाले हथियारों का तीन गुना ज्यादा है। सभी देश खुद को सैन्य और डिफेंस सेक्टर में मजबूत बनाने में लगे हैं और ऐसे में पाकिस्तान भी इस होड़ में शामिल हो गया है। 
 Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal
 
		
 
 
						
 
						
 
						
 
						
 
						
