चीनी सरकार के हैकर्स ने अमेरिकी नौसेना के कॉन्ट्रैक्टर से नई तरह की जहाज रोधी मिसाइल विकसित करने की गोपनीय योजना समेत समुद्र के नीचे युद्ध से संबंधित कई अति संवेदनशील जानकारियां चोरी कर ली है. ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की एक खबर के मुताबिक, जनवरी और फरवरी में करीब 614 गीगाबाइट जानकारी चोरी की गई. इनमें वर्ष 2020 तक अमेरिकी पनडुब्बियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली सुपरसोनिक जहाज रोधी मिसाइल विकसित करने की गोपनीय योजना भी शामिल है.
बता दें कि चीनी हैकर्स कई सालों से सीक्रेट जानकारी चुराने के लिए अमेरिकी सेना को निशाना बनाते रहे हैं. पेंटागन ने कहा कि उन्होंने पहले नए एफ -35 स्टील्थ लड़ाकू विमान, पैट्रॉइट पीएसी -3 मिसाइल प्रणाली और अन्य अति संवेदनशील परियोजनाओं पर अहम जानकारियां चोरी की थी.
अखबार ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि चोरी की गई गोपनीय जानकारी में सी ड्रैगन नाम की गोपनीय परियोजना से संबंधित सूचना भी है. साथ ही सिग्नल्स और सेंसर डेटा तथा नौसेना की पनडुब्बी विकास ईकाई की इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संबंधी लाइब्रेरी भी इसमें शामिल है.
चीनी हैकर्स ने एक कॉन्ट्रैक्टर के कम्प्यूटरों को हैक करके ये जानकारियां चुराई. अखबार ने कॉन्ट्रैक्टर के नाम का खुलासा नहीं किया है. द वॉशिंगटन पोस्ट ने बताया कि इस खबर के प्रकाशन के बाद पेंटागन के इंस्पेक्टर जनरल कार्यालय ने कहा कि रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने साइबर सुरक्षा मुद्दों के कॉन्ट्रैक्टर की समीक्षा करने के लिए कहा है. अधिकारियों ने बताया कि नौसेना एफबीआई की मदद से इस चोरी की जांच कर रही है.
चीनी हैकर्स वर्षों से जानकारी चुराने के लिए अमेरिकी सेना को निशाना बनाते रहे हैं. पेंटागन ने कहा कि उन्होंने पहले नए एफ -35 स्टील्थ लड़ाकू विमान , पैट्रॉइट पीएसी -3 मिसाइल प्रणाली और अन्य अति संवेदनशील परियोजनाओं पर अहम जानकारियां चोरी की थी.
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